Strivadi Sahitya Vimarsh

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Strivadi Sahitya Vimarsh

Strivadi Sahitya Vimarsh

350.00 349.00

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Author: Jagdishwar Chaturvedi

Availability: 3 in stock

Pages: 384

Year: 2018

Binding: Paperback

ISBN: 9788179754399

Language: Hindi

Publisher: Anamika Publishers

Description

स्त्रीवादी साहित्य विमर्श

प्रस्तुत किताब का जब पहला संस्करण आया था तंब हिंदी में बहुत कम लोग थे जो स्त्री-साहित्य को स्त्रीवादी साहित्यालोचना के नजरिये से पढ़ते-पढ़ाते थे लेकिन विगत 10 सालों में माहौल बदला है। विभिन्‍न विश्वविधालयों में हिंदी में स्त्रीवादी साहित्यिक नजरिये से अनुसंधान हो रहे हैं। पत्र-पत्रिकाओं में भी लिखा जा रहा है। अनेक विश्वविधालयों में ‘स्त्री साहित्य’ कोर्स में भी पढ़ाया जाने लगा है।

स्त्रीवादी साहित्य समीक्षा और स्त्रीरचित साहित्य वैविध्यपूर्ण है। इसका दायरा बड़ा व्यापक है। प्रस्तुत पुस्तक

में उसकी एक झलक मात्र है –

  1. स्त्री-साहित्य के इतिहास लेखन की समस्याएं
  2. लोकप्रिय स्त्रीवादी काव्य
  3. अभिजनवादी स्त्री काव्यधारा
  4. स्त्रीवाद, प्रेम और राष्ट्रवाद
  5. स्त्रीवादी कथा साहित्य के मूल्यांकन की समस्याएँ
  6. आधुनिककालीन स्त्रीवादी पुरुष विमर्श
  7. स्वातंत्रयोत्तर स्त्रीवादी विमर्श
  8. लिंगभेदीय पुंसवादी विमर्श
  9. पितृसत्तात्मकता और साहित्य
  10. एलेन शोवाल्टर का नजरिया
  11. स्त्री भाषा की सैद्धांतिकी
  12. स्त्रीवादी मार्क्सवादी साहित्य दृष्टि
  13. लेस्बियन स्त्री साहित्य सैद्धांतिकी
  14. स्त्री आत्मकथा को लक्ष्य है न्याय की तलाश
  15. स्त्री आत्मकथा : सैद्धांतिक मानदंड।

पुस्तक के इस द्वितीय संस्करण में स्त्री आत्मकथाओं के मूल्यांकन की पद्धति वाले अध्याय जोड़े गए हैं। स्त्री आत्मकथा की विधागत क्या जटिलताएं हैं, उन्हें कैसे देखें, इस विधा को लेकर स्त्रीवादी साहित्य सैद्धांतिकी का क्या नजरिया है इत्यादि पहलुओं पर अंतिम नए अध्यायों में विचार किया गया है। आशा है स्त्री साहित्य और स्त्री आलोचना के गंभीर अध्येताओं को इस पुस्तक से सहयोग प्राप्त होगा।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2018

Pulisher

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