Striyan : Parde Se Prajatantra Tak

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Striyan : Parde Se Prajatantra Tak

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695.00 555.00

Author: Dushyant

Availability: 5 in stock

Pages: 248

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126722907

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

स्त्रियाँ : पर्दे से प्रजातंत्र तक

समाज और वैचारिक दुनिया में औरत की जगह को लेकर चिन्ता और अध्ययन कोई नया विषय नहीं है, लगभग तीन सदी पहले यह दास्तान शुरू हुई थी। जॉन स्टुअर्ट मिल, मेरी वॉलस्टनक्राफ्ट से होते हुए सीमोन द बोउवा तक होती हुई यह परम्परा भारत में प्रभा खेतान जैसी चिन्तकों तक आती है। स्त्री-विमर्श विचार के विविध अनुशासनों में अलग-अलग रूप में होता रहा है और हो रहा है, पर अन्तर्धारा एक ही है।

यह किताब स्त्री के विरोधाभासी जीवन की सामाजिक समस्याओं का समग्रता से मूल्यांकन करती है, पारम्परिक स्रोतों के साथ-साथ समाचार पत्रों एवं साहित्य का प्रचुर मात्रा में उपयोग करते हुए इस पुस्तक की अध्ययन-परिधि को राजस्थान के तीन रजवाड़ों – जोधपुर, जैसलमेर एवं बीकानेर के विशेष सन्दर्भ में बीसवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक विस्तार दिया गया है। इस किताब की खासियत यह है कि इसमें सायास रजवाड़ों, ठिकानों से इतर सामान्य महिलाओं की स्थिति पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है और बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध के साक्षी रचनात्मक साहित्य और समाचार पत्रों को बड़े पैमाने पर इतिहास लेखन के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया गया है। जिस भौगोलिक क्षेत्र को यह कृति सम्बोधित है, उसके लिए ऐसी किताब की बेहद जरूरत थी जिसे इस पुस्तक ने निस्सन्देह सफलतापूर्वक पूरा किया है।

अनेक विधाओं में और विभिन्न माध्यमों के लिए समान अधिकार से लिखने वाले दुष्यन्त की विषयानुरूप सहज, सम्मोहक और प्रांजल भाषा ने इस पुस्तक को बहुत रोचक और पठनीय बना दिया है। रेखांकित किया जाना जरूरी है कि ‘स्त्रियाँ: पर्दे से प्रजातंत्र तक’ हिन्दी में मौलिक और रचनात्मक शोध की बानगी भी पेश करती है। विश्वास किया जा सकता है कि संजीदा और सघन वैचारिक बुनियाद पर गहन शोध के आधार पर लिखित इस पुस्तक को भारत में स्त्री इतिहास-लेखन के लिहाज से महत्त्वपूर्ण माना जाएगा।

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Hardbound

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Language

Hindi

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Publishing Year

2019

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