Tajmahal Ka Tender

-24%

Tajmahal Ka Tender

Tajmahal Ka Tender

99.00 75.00

In stock

99.00 75.00

Author: Ajay Shukla

Availability: 4 in stock

Pages: 80

Year: 2016

Binding: Paperback

ISBN: 9788126729159

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

ताजमहल का टेंडर

हिंदी का ऐसा मौलिक नाटक है जिसने सफल मंचनों के नए कीर्तिमान गढ़े। संस्कृत, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं से अनूदित-रूपांतरित नाटकों पर निर्भर रहनेवाले हिंदी रंगमंच के पास हिंदी के अपने मौलिक नाटक इतने कम हैं कि उँगलियों पर गिने जा सकते हैं। उनमें भी मंचीयता के गुणों से संपन्न नाटक तो और भी कम हैं। ऐसे में ताजमहल का टेंडर एक राहत की तरह मंच पर उतरा था और आज वह अनेक नाटक-मंडलियों की प्रिय नाट्य-कृतियों में है, दर्शकों को तो खैर वह भुलाए ही नहीं भूलता। देश-विदेश की अनेक भाषाओं में इसका अनुवाद और मंचन हो चुका है, और हो रहा है।

नाटक का आधार यह परिकल्पना है कि मुगल बादशाह शाहजहाँ इतिहास से निकलकर अचानक बीसवीं सदी की दिल्ली में गद्दीनशीन हो जाते हैं, और अपनी बेगम की याद में ताजमहल बनवाने की इच्छा ज़ाहिर करते हैं। नाटक में बादशाह के अलावा बाकी सब आज का है। सारी सरकारी मशीनरी, नौकरशाही, छुटभैये नेता, किस्म-किस्म के घूसखोर और एक-एक फाइल को बरसों तक दाबे रखनेवाले अलग-अलग आकारों के क्लर्क, छोटे-बड़े अफसर, और एक गुप्ता जी जिनकी देख-रेख में यह प्रोजेक्ट पूरा होना है। सारे ताम-झाम के साथ सारा अमला लगता है और देखते-देखते पच्चीस साल गुज़र जाते हैं। अधेड़ बादशाह बूढ़े होकर बिस्तर से लग जाते हैं और जिस दिन ताजमहल का टेंडर फ्लोट होने जा रहा है, दुनिया को विदा कह जाते हैं। नाटक का व्यंग्य हमारे आज के तंत्र पर है। बीच-बीच में जब हम इसे बादशाह की निगाहों से, उनके अपने दौर की ऊँचाई से देखते हैं, वह और भी भयावह लगता है, और ताबड़तोड़ कहकहों के बीच भी हम उस अवसाद से अछूते नहीं रह पाते जिसे यह नाटक रेखांकित करना चाहता हैयानी स्वार्थ की व्यक्तिगत दीवालियों के बीच पसरा वह सार्वजनिक अंधकार जिसे आज़ादी के बाद के भारत की नौकरशाही ने रचा है।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2016

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Tajmahal Ka Tender”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!