Ganga Ratan Bidesi

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Ganga Ratan Bidesi

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Author: Mrityunjay

Availability: 5 in stock

Pages: 416

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9788119014521

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

गंगा रतन बिदेसी

उन्नीसवीं सदी के बीच में कर के बोझ में पिसा के बेघरबार मूनेसर एगो अईसन बड़ ढँका में आपन मूड़ी डाल दिहले कि जेकरा से निकले में उनकर चार पुसूत के भाग अझूरा गईल। भारत में अंगरेज उपनिवेसी सरकार के चंगुल से बाँचे खाती ऊ गिरमिटया मजूर बनके नटाल (अफीरका) के राह धईले। लेकिन ओहिजो कहे उपनिवेसी जाँता में फँसल उनकर परिवार लागल रहल आपन जान माल बचावे में। मूनेसर के पोता रतन दुलारी गाँधी बाबा के संग धईलन अउर उनके संगे आ गईलें भारत। सतयागिरही बनके लसरात उनकर जिनगी के ठाँव-मिलल आपन पूरान साथी गंगझरिया के अँचरा में जे बनारस में मोसमात हो के हेमवती देवी आसरम में पड़ल रहे। अधेड़ उमीर में एगो मोसमात के संगे घर बसल खेजुआ (बनारस) गाँव में अभी भाग के जरल जड़ ठीक से माटीयो न धईले रहे कि उनकर सब खेत चढ़ गईल रेहन प। साहूकार अउर आपन बेमरिया बेटा के ईलाज के भँवर में फँस गईल रतन दुलारी के बेटा गंगा रतन बिदेसी। पईसा कमात-जोड़त हाबड़ा के लोहा भट्ठी से पोसता बाज़ार, अउरी सेयालदह एसटेसन से दाजिलिंग के चाह-बगान कहाँ-कहाँ न ले गईल ओकर भाग ओकरा के। अउर ले जा के बिगलख कलकत्ता के परेसीडेंसी जेहल में। सय साल के समय-काल में बन्हाईल, ई गाथा ह आस में गुँथाईल अईसन भाग के, जेकर एगो छोर रतन दुलारी के हाँथ में रहे त दोसरका गंगा रतन बिदेसी के हाँथ में।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2023

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