Triya Hath

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Triya Hath

Triya Hath

300.00 225.00

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Author: Maitriye Pushpa

Availability: 5 in stock

Pages: 166

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9788170167488

Language: Hindi

Publisher: Kitabghar Prakashan

Description

त्रिया हठ

नदी के पाट पर खड़ी मीरा को वह पुकार रहा था। यहाँ मीरा उदासी, मलिन मनोगति और अपनी कुंठाओं को लिए चली आई थी। किससे कहती कि उससे देवेश का सामना हुआ, मातृत्व-सा जागा, मगर संवाद हुआ तो यकायक उल्लास का रंग बदल गया। ममता बदरंग हो गई। सोच रही हूँ कि सारी की सारी कहानी बताकर सच्चाई सामने धर दी जाए। लेकिन कहानी क्या दो दिन की है ? एक जिंदगी की कथा कई जिंदगियों को समेटे रहती है। पहेली जैसी कहानी नहीं कि उत्तर तुरंत मिल जाए।

अभी तो इतना ही कहा जा सकता है कि देवेश, हम अपनी आदतों के गुनहगार हैं, जिनके चलते बड़ों की आज्ञा भगवान् के आदेश की तरह मानते चले आए हैं। जिनके सामने न तर्क किया जा सकता है, न शंकाएँ उठाई जाती हैं। विरासत में यही परंपरा तो हमें मिली थी। उसी के पालन में यहाँ तक भी चली आई, क्योंकि मामा हमारे संरक्षक रहे हैं, पालनहार। कृतज्ञता से मुँह मोड़ना हमें अपराध ही नहीं, पाप लगता है। तुम्हारी तरह मुँह में आया सो बक दिया, यह हमने सीखा नहीं, क्योंकि इसे हमारे यहाँ बेहूदापन कहते हैं।

– इसी पुस्तक से

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Hardbound

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Language

Hindi

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Publishing Year

2020

Pulisher

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