Visthapan Aur Yaaden

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Visthapan Aur Yaaden

Visthapan Aur Yaaden

350.00 300.00

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Author: Anju Ranjan

Availability: 5 in stock

Pages: 128

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9789389915945

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

विस्थापन और यादें

अंजु रंजन की हिन्दी साहित्य में विशेष रुचि है। इसीलिए हिन्दी के स्वाध्ययन के साथ वे विदेश में भी हिन्दी के प्रचार-प्रसार से जुड़ी हुई हैं। अपने विस्थापन और अपनों से अलगाव के बारे में उनका कहना है : ‘सुनहरे सपने हरेक ग्रामीण की आँखों में होते हैं जब वह पहली बार शहर की ओर रुख़ करता है। भविष्य उस समय स्पष्ट नहीं होता है पर सबकी आँखों में सुनहरी पन्नी में लिपटा जो सपना होता है; वह वर्षों के संघर्ष के बाद बदरंग होता है। बहुत देर से ये बात समझ आती है कि गाँव छूट गया और हम अपने ही देश में विस्थापित हो गये।

इस किताब को पढ़ने के बाद सुधी पाठक अंजु रंजन तथा उन जैसे सभी लोगों के विस्थापन की पीड़ा को समझेंगे और अपनी जड़ों से जुड़ाव महसूस करेंगे, यही इस किताब का उद्देश्य है।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

Language

Hindi

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Pages

Publishing Year

2021

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