Woh Ab Bhi Pukarata Hai

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99.00 79.00

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Author: Piyush Mishra

Availability: 5 in stock

Pages: 75

Year: 2019

Binding: Paperback

ISBN: 9789389577136

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

वो अब भी पुकारता है

‘वो अब भी पुकारता है’ नाटक से पता चलता है कि भारत में जिस जाति की समस्या को बहुत पहले ख़त्म हो जाना चाहिए था, वह आधुनिक युग की इस सदी में भी अपनी जड़े जमाए हुए है और न सिर्फ जड़े जमाए हुए है बल्कि उसके अन्तर को बनाए रखने के लिए श्रेष्ठ वर्ण किसी भी हद तक जा सकता है।

पीयूष मिश्र की सधी हुई कलम से चम्बल में अछूत जाति के साथ अत्याचार की पृष्ठभूमि पर बुना गया यह नाटक अपने ताने-बाने और बुंदेली बोली के रंग में इतना सशक्त है कि प्रभाव पाठ के अन्त तक बना रहता है। हरिजन जाति का एक पढ़ा-लिखा युवक मंगल ठकुराइन सुमन्ती के ही संकेत पर ‘भौजी’ क्या कहता है, ठाकुर हरिभान सिंह को यह बात इस तरह नागवार गुजरती है कि वह उसकी हत्या कर देता है। इस हत्या का चश्मदीद गवाह उसी को बिरादरी का कच्ची ताड़ी है जो केस जीतने में मदद कर सकता था, लेकिन ठाकुर के प्रभाव में अन्ततः पलट जाता है। इससे मंगल की दादी बुढ़ढो बहुत आहत होती है और एक दिन उस ठाकुर हरिभान सिंह की कुल्हाड़े से हत्या कर देती है जिसके पिता ने कभी मंगल की माँ की हत्या कर दी थी, क्योंकि वह बहुत सुन्दर थी।

ग्रामीण परिवेश में रचित इस नाटक में ऐसे कई मार्मिक प्रसंग हैं जिनसे तुरन्त उबर पाना आसान नहीं-जैसे मरघट में मृत्यु-विलाप, मंगल से प्रेम करनेवाली कजरी की सन्देहास्पद परिस्थितियों में हत्या हो जाना आदि। अपने स्वरूप में ‘वो अब भी पुकारता है’ जाति के नाम पर शोषण और अत्याचारों से टकराता एक ऐसा नाटक है जिसके बहुत सारे सवालों का जवाब लेखक ने कुशलतापूर्वक दिया है, और जो छूट गए हैं उनके जवाब पाठकों को अपने विवेक से खुद तलाशने होंगे।

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Paperback

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Publishing Year

2019

Pulisher

Language

Hindi

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