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Biswi Sadi Mein Vishva Itihas Ke Pramukh Mudde Badalte Aayam Evam Dishayen
₹395.00 ₹335.00
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Author: Anirudh Deshpande, Mridula Jha, Pratibha Chawla
Pages: 575
Year: 2021
Binding: Paperback
ISBN: 9789350027103
Language: Hindi
Publisher: Aakar Books
बीसवीं सदी में विश्व इतिहास के प्रमुख मुद्दे बदलते आयाम एवं दिशाएँ
यूँ तो इतिहास बीते समय का विश्लेषण होता है लेकिन इतिहास का एक मक़सद समकालीन वक़्त को सही रोशनी में पेश करना है। आज हम जिस दुनिया में रहते हैं उसे बेहतर कल में बदलने के लिए समकालीन और आधुनिक इतिहास की आलोचनात्मक विवेचना ज़रूरी है। शायद इसी मक़सद से दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रम में बीसवीं सदी के इतिहास के विश्लेषण को शामिल किया गया है। बीसवीं सदी के इतिहास के प्रमुख मुद्दों की जानकारी के बिना कोई भी छात्र समकालीन समाज के बुनियादी सवालों का विश्वसनीय जवाब नहीं दे सकता। १८वीं और १९वीं सदी में हुई फ़्रांसीसी और औद्योगिक क्रांतियों ने आधुनिक दुनिया और आधुनिकता की नींव रखी और बीसवीं सदी के इतिहास और मुद्दों को जन्म दिया। देखा जाए तो २१वीं शताब्दी कई मायने में १९वीं और २०वीं शताब्दी के मानव इतिहास में जन्मे प्रमुख मुद्दों की विस्तृत कहानी है। पूँजीवाद, साम्राज्यवाद, आधुनिक उपनिवेशवाद, राष्ट्रवाद, फसीवाद, नाज़ीवाद, आधुनिक युद्ध, मीडिया और पूँजीवादी वैश्वीकरण इस कहानी के मुख्य पत्र हैं। इस कहानी क्या अध्याय हो सकते हैं ? सर्वहारा वर्ग के संघर्ष, साम्राज्यवाद और उपनिवेश्वाद का ना रुकने वाला इतिहास, फसीवाद और नाज़ीवाद के दौर, पूँजीवाद का गहरा संकट, पर्यावरण और मानव अधिकार के पेचीदा मामले, दो विश्व युद्धों की दुखद दास्ताँ, १९४५ के बाद की दुनिया और उसमें फैला मीडिया व वैश्विकरण का व्यापक प्रभाव जिस से हम बच नहीं सकते। इसके अलावा और बहुत से प्रश्न और उनके उत्तर पाठकों को इस किताब में मिलेंगे।
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Binding | Paperback |
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Language | Hindi |
Publishing Year | 2021 |
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Pulisher |
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