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Muktibodh Samagra : Vols. 1-8
₹4,000.00 ₹3,400.00
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Author: Gajanan Madhav Muktibodh
Pages: 3652
Year: 2019
Binding: Paperback
ISBN: 9789388183864
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
मुक्तिबोध समग्र भाग-1-8
मुक्तिबोध की कविताओं के बारे में यदि शमशेर बहादुर सिंह के शब्दों में कहें तो उनकी ‘कविता, अद्भुत संकेतों-भरी, जिज्ञासाओं से अस्थिर—कभी दूर से ही शोर मचाती, कभी कानों में चुपचाप राज़ की बातें कहती चलती है। हमारी बातें हमीं को सुनाती है और हम अपने को एकदम चकित होकर देखते हैं, और पहले से और भी अधिक पहचानने लगते हैं और मुक्तिबोध समग्र के रूप में, ‘हमारी बातें हमीं को’ सुनानेवाली उनकी कविताओं का यह पहला खंड है।
इसमें 1935 से लेकर 1956-57 तक की कविताएँ हैं जिनमें प्रारम्भिक काव्य-प्रयासों से लगाकर आधुनिक हिन्दी-कविता में अपना अलग, निजी मुहावरा हासिल कर लेने तक मुक्तिबोध के काव्य-व्यक्तित्व के विकास के सभी चरण एक साथ मौजूद हैं। साथ ही परवर्ती लेखन में अनुभव और सृजन सम्बन्धी जिन उलझनों, अन्तद्र्वन्द्वों और उनकी अभिव्यक्ति का सशक्त और अनोखा रूप सामने आया, उसकी शुरुआत भी प्रारम्भिक रचनाओं तथा तार सप्तककालीन कविताओं में साफ देखी जा सकती है। इस दृष्टि से यह खंड मुक्तिबोध-काव्य के प्रेमी पाठकों के लिए निस्सन्देह एक नया अनुभव होगा।
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Binding | Paperback |
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Language | Hindi |
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Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
गजानन माधव मुक्तिबोध
जन्म : 13 नवम्बर, 1917 को श्योपुर, ग्वालियर (मध्य प्रदेश)।
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), नागपुर विश्वविद्यालय।
विवाह : माता-पिता की असहमति से प्रेम-विवाह।
आजीविका : 20 वर्ष की उम्र से बडऩगर मिडिल स्कूल में मास्टरी आरम्भ करके दौलतगंज (उज्जैन), शुजालपुर, इन्दौर, कलकत्ता, बम्बई, बंगलौर, बनारस, जबलपुर, नागपुर में थोड़े-थोड़े अरसे रहे।
अन्ततः 1958 में दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगाँव में प्राध्यापक।
अभिरुचि : अध्ययन-अध्यापन, पत्रकारिता। साथ ही साहित्य, आकाशवाणी, राजनीति की नियमित-अनियमित व्यस्तता के बीच।
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