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Pakistani Stri : Yatana Aur Sangharsh
₹195.00 ₹160.00
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Author: Zahida Hina
Pages: 227
Year: 2014
Binding: Paperback
ISBN: 9789352292134
Language: Hindi
Publisher: Vani Prakashan
पाकिस्तानी स्त्री की यातना और संघर्ष पर केंद्रित इस पुस्तक के लेखों में उस औरत की समस्याएँ और मुद्दे विमर्श का मुद्दा बने हैं जो कभी आसमानी हवाओं से बहकाई गई तो कभी जमीनी संहिताओं से दहलाई गई। जमाने की बदलती हुई हवाओं ने उस औरत के जेहन पर जमी हुई सदियों की गर्द को साफ करना शुरू कर दिया है : आज उसके जेहन में एक सौ एक खयाल और एक हजार एक सवाल हैं। दरअसल, इस दूर तक फैली जमीन पर सारी रौनक उसी के दम से है, वरना आदम का इरादा तो यह था कि खुदा के बंदे खुदा के हर हुक्म पर सर झुकाते हुए बागे-अदन यानी जन्नत के बाग में जिन्दगी कभी न खत्म होनेवाले समय तक गुजार दी जाए।
यह हव्वा थी जिसके अंदर जिज्ञासा थी, जिसने साँप के रूप में आनेवाले इब्लीस (शैतान) से संवाद किया। अच्छे-बुरे की पहचान करानेवाले पेड़ का फल खुद खाया और आदम को भी खिलाया। उसके विकास की कहानी मानव सभ्यता के विकास की कहानी है। लेकिन धरती पर आ कर आदम और हौवा का हश्र अलग-अलग क्यों हो गया ?
पाकिस्तान की विख्यात कथाकार और राजनीतिक टिप्पणीकार ज़ाहिद हिना के ये लेख इसी ट्रेजिक सचाई की तहकीकात करते हैं। बेशक संदर्भ पाकिस्तान की आम स्त्रियों की यातनाओं और संघर्षों का है, लेकिन यह लोमहर्षक कहानी भारत की भी है, बांगलादेश की भी और एक तरह से सारी दुनिया की है।
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Binding | Paperback |
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Language | Hindi |
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Publishing Year | 2014 |
Pulisher |
ज़ाहिदा हिना
ज़ाहिदा हिना बिहार के शहर सहसराम में पैदा हुईं और कराँची में रहती हैं। सोलह वर्ष की उम्र से वे अदब और शहाफ़त से जुड़ी हुई हैं। आज वे उर्दू की सफ़े-अव्वल की लिखने वाली समझी जाती हैं। उनकी सात किताबें छप चुकी हैं, जिनमें से पाँच हिन्दुस्तान में भी छप चुकी हैं। इनकी कहानियों के अनुवाद अंग्रेजी, जर्मन, रूसी, हिन्दी, बांग्ला, सिंधी, गुरुमुखी, मराठी और पश्तो में भी हुए हैं। उनकी एक कहानी का अंग्रेजी अनुवाद उर्दू के मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने किया है। इनकी गिनती पाकिस्तान के सफ़े-अव्वल के कॉलमनिगारों में भी होती है। वह अठारह वर्षों से रोज़नामा ‘जंग’, उर्दू न्यूज ‘जद्दा’ और सिंधी के अख़बार ‘इबरत’ के लिए साप्ताहिक कॉलम लिख रही हैं।
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