Description
सारा आकाश
आजाद भारत की युवा पीढ़ी के वर्तमान की त्रासदी और भविष्य का नक्शा। आश्वासन तो यह है कि सम्पूर्ण दुनिया का सारा आकाश तुम्हारे सामने खुला है-सिर्फ तुम्हारे भीतर इसे जीतने और नापने का संकल्प हो-हाथ पैरों में शक्ति हो…
मगर असलियत यह है कि हर पाँव की बेड़ियाँ हैं और हर दरवाजा बंद है। युवा बेचैनी को दिखाई नहीं देता है किधर जाए और क्या करे। इसी में टूटती है उसका तन, मन और भविष्य का सपना। फिर वह क्या करे-पलायन, आत्महत्या या आत्मसमर्पण ?
आज़ादी के पचास वर्षों में सारा आकाश ऐतिहासिक उपन्यास भी है और समकालीन भी।
बेहद पठनीय और हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासों में से एक सारा आकाश चालीस संस्करणों में आठ लाख प्रतियों से ऊपर छप चुका है, लगभग सारी भारतीय और प्रमुख विदेशी भाषाओं में अनूदित है। बासु चटर्जी द्वारा बनी फिल्में सारा आकाश हिन्दी की सार्थक कला फिल्मों की प्रारम्भकर्ता फ़िल्म है।
Reviews
There are no reviews yet.