Apabhransh Bhasha Aur Sahitya

-1%

Apabhransh Bhasha Aur Sahitya

Apabhransh Bhasha Aur Sahitya

160.00 159.00

In stock

160.00 159.00

Author: Rajmani Sharma

Availability: 5 in stock

Pages: 199

Year: 2018

Binding: Paperback

ISBN: 9789326354288

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

अपभ्रंश भाषा और साहित्य

अपभ्रंश को आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं की जननी कहा गया है। भारतीय इतिहास में यह एकमात्र भाषा ही नहीं, अपितु एक ऐसा सहज एवं गतिशील जन आन्दोलन है जो किसी का संस्कार या वरदहस्त पाये बिना लगभग हजार वर्ष तक समस्त भारत को झंकृत करता रहा ओर हर आधुनिक भारतीय भाषा को नया रूप आकार देते हुए उसे संवर्द्धित करता रहा।

अपभ्रंश तथा परवर्ती अपभ्रंश भाषा के नये पहलुओं की खोज, सहज विश्लेषण, नाथ ओर सिद्ध साहित्य, राम-कृष्ण-काव्य, चरित-काव्य, प्रेमाख्यान/रहस्यवाद, श्रृंगार, वीर काव्य जैसी विधाओं तथा महाकाव्य, खंडकाव्य, मुक्तक आदि काव्य-रूपों का विस्तृत विवेचन, साहित्य-समीक्षा के लिए नये मानदंडों की स्थापना एवं ‘कीर्तिलता’ के पाठ, अर्थ और भाषा की समस्या पर विभिन्न कोणों से किया गया परामर्श-सब मिल कर राजमणि शर्मा की यह पुस्तक भाषा के क्षेत्र में एक बड़े उद्देश्य की पूर्ति करती है।

अपभ्रंश और हिन्दी भाषा साहित्य के अध्येताओं और शोधार्थियों के लिए अत्यन्त उपयोगी कृति।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2018

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Apabhransh Bhasha Aur Sahitya”

You've just added this product to the cart:

error: Content is protected !!