Atithi Devo Bhav

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Atithi Devo Bhav

Atithi Devo Bhav

495.00 375.00

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495.00 375.00

Author: Abdul Bismillah

Availability: 5 in stock

Pages: 147

Year: 2024

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126714407

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

अतिथि देवो भव

बहुचर्चित कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह का रचना-कर्म आज के ज्वलंत सामाजिक सवालों से जुड़ा हुआ है और अतिथि देवो भवमें शामिल कहानियाँ उनकी इस रचनात्मक प्रतिबद्धता को और अधिक गहरा करती हैं। कहानियों की इस दुनिया में प्रवेश करते हुए हम भारतीय समाज के विभिन्न तबकों, संस्कारों और परंपराओं से जुड़े कुछ ऐसे चरित्रों से परिचित होते हैं, जिन्हें व्यक्तियों के बजाय सहज ही मानव-मूल्यों की संज्ञा दी जा सकती है। ऐसे चरित्रों में अलिया धोबी और पाव-भर गोश्तका अलिया, ‘पुण्यभोजका खुदाबकस, ‘खाल खींचनेवालेका भुनेसर, ‘नर-लीलाकी कमली, ‘सुलहका महादेव, ‘यह कोई अन्त नहींका सरवर और दूसरा सदमाके गुलामू चचा विशेष उल्लेखनीय हैं।

इन कथा-चरित्रों की शक्लें और कार्य-व्यवहार भले ही अनेक हों, लेकिन अपने इर्द-गिर्द क्रियाशील अमानवीय तंत्र के विरुद्ध उनका गुस्सा और संघर्ष एक है। वर्तमान व्यवस्था के मानव-विरोधी स्वरूप को वे जिस प्रकार महसूस करते हैं और पहचानते हैं, वह न केवल उन्हें, बल्कि इन कहानियों को भी अविस्मरणीय बना देता है। इनके अलावा कुछ कहानियाँ ऐसे चरित्रों को भी सामने लाती हैं, जो पोर-पोर लंपटता से भरे हैं और आधुनिक जीवन-स्थितियों से परिचालित मानव-स्वभाव के संदर्भ में कई स्तरों पर विदूप पैदा करते हैं। वस्तुतः अपने वर्तमान से सीधे साक्षात्कार के लिए भी इन कहानियों को उसी सहजता से ग्रहण किया जा सकता है, जिस सहजता से ये लिखी गई हैं।

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Authors

Binding

Hardbound

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Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

Language

Hindi

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