Aur Panchhi Ud Gaya

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Aur Panchhi Ud Gaya

Aur Panchhi Ud Gaya

275.00 235.00

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275.00 235.00

Author: Vishnu Prabhakar

Availability: 5 in stock

Pages: 204

Year: 2015

Binding: Hardbound

ISBN: 9788170284772

Language: Hindi

Publisher: Rajpal and Sons

Description

और पंछी उड़ गया

यशस्वी साहित्यकार विष्णु प्रभाकर की बहुप्रतीक्षित आत्मकथा…साथ ही पूरी एक सदी के साहित्यिक जीवन तथा समाज और देश का चारों ओर दृष्टि डालता आईना और दस्तावेज़।

विष्णु प्रभाकर अपने सुदीर्घ जीवन में साहित्य के अतिरिक्त सामाजिक नवोदय तथा स्वतंत्रता-संग्राम से भी पूरी अंतरंगता से जुड़े रहे-रंगमंच, रेडियो तथा दूरदर्शन सभी में वे आरंभ से ही सक्रिय रहे। शरतचन्द चटर्जी के जीवन पर लिखी उनकी बहुप्रशंसित कृति ‘आवारा मसीहा’ की तरह यह भी अपने ढंग की विशिष्ट रचना है – तथा उसी की तरह इसके लेखन में भी उन्होंने पंद्रह वर्ष लगाये हैं। यह आत्मकथा तीन खंडों में प्रकाशित है : पंखहीन (प्रथम खंड), मुक्त गगन में (द्वितीय खंड), क्रौंच-वध (तृतीय खंड)।

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Hardbound

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Publishing Year

2015

Pulisher

Language

Hindi

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