Ghar Jaate

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Author: Gulammohammed Sheikh

Availability: 5 in stock

Pages: 152

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9788196134945

Language: Hindi

Publisher: Setu Prakashan

Description

घर जाते

हमारे समय के एक मूर्धन्य चित्रकार और कलाविद् गुलाममोहम्मद शेख की गुजराती से हिन्दी अनुवाद में कला-पुस्तक निरखे वही नज़र रजा पुस्तक माला में पहले प्रस्तुत की जा चुकी है। घर जाते शीर्षक पुस्तक उनकी स्मृतियों और संस्मरणों का एक सुनियोजित संकलन है। इसका गद्य विशेष है – ज़िन्दगी – पुरा-पड़ोस-परिवार आदि के चरित्रों-घटनाओं आदि के ब्यौरों के आत्मीय बखान में, अपनी मानवीय ऊष्मा में, अपनी चित्रमयता की आभा में। यह गद्य ऐसा है जिसमें चित्रकार-कवि-व्यक्ति अपनी निपट और सहज मानवीयता में प्रगट, व्यक्त और विन्यस्त होता है। इस गद्य में चित्रकार द्वारा उकेरी छबियाँ हैं, कवि द्वारा पायी सघनता है और व्यक्ति द्वारा सहेजी गयी जिजीविषा है। यह गद्य हमें मानो घर ले जाता और वहाँ से लौटाता भी है : उसमें अतीत वर्तमान हो जाता है और वर्तमान में अतीत के नकूश उभरते, लीन होते हैं। इस अद्भुत गद्य को हिन्दी में प्रस्तुत करते हुए रज़ा फ़ाउण्डेशन प्रसन्नता अनुभव कर रहा है – इस सुखद स्मरण करते संयोग का हुए कि घर जाते (मूल गुजराती घेर जतां) को हाल ही में साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिला है।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2023

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