Hanso Hanso Jaldi Hanso

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Hanso Hanso Jaldi Hanso

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Author: Raghuveer Sahai

Availability: 5 in stock

Pages: 96

Year: 2016

Binding: Paperback

ISBN: 9788126728183

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

हँसो हँसो जल्दी हँसो

रघुवीर सहाय विडम्बना के खोजी कवि हैं। समाज और उसके ऊपर-नीचे खड़ी-पड़ी तमाम संरचनाओं, यथा राजनीति, शासन-प्रशासन और ताकत से बने या ताकत से बिगड़े अनेक मूर्त-अमूर्त फॉर्म्स को वे एक नई और असंलग्न निगाह से देखते हैं। इस बहुपठित-बहुचर्चित संग्रह की अनेक कविताएँ, जिनमें अत्यन्त प्रसिद्ध कविता, ‘रामदास’ भी है उनकी उसी असंलग्नता के कारण इतनी भीषण बन पड़ी हैं। वह असंलग्नता जो अपने समाज से बहुत गहरे, बेशर्त जुडाव के बाद किसी शुभाकांक्षी मन का हिस्सा बनती है। वे इस समाज और उसको चला रही व्यवस्था को बदलने की इतनी गहरी आकांक्षा से बिंधे थे कि कविता भी उन्हें कवि न बनाकर एक चिंतित सामाजिक के रूप में प्रक्षेपित करती थी। इसीलिए उनकी हर कविता अपनी पूर्ववर्ती कविता के विस्तार की तरह नहीं, एक नई शाखा की तरह प्रकट होती थी।

यह संग्रह अपने संयोजन में स्वयं इसका साक्षी है कि हर कविता न तो शिल्प में, और न ही भाषा में अपनी किसी परंपरा का निर्माण करने की चिंता करती दिखती और न किसी और काव्य-परंपरा का निर्वाह करती। हर बार उनका कवि समाज नामक दुख के इस विस्तृत पठार में एक नई जगह से उठता दिखाई देता है और पीड़ा के एक नए रंग, नए आकार का ध्वज लेकर।

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Paperback

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Publishing Year

2016

Pulisher

Language

Hindi

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