Hindi Ke Vikas Mein Apbhransh Ka Yog
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हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग
प्रस्तुत पुस्तक का संशोधित एवं परिवर्धित संस्करण पाठकों के समक्ष नयी साज-सज्जा के साथ प्रस्तुत है जिसमे परवर्ती अपभ्रंश और आरंभिक हिंदी सम्बन्धी नवीन सामग्री, अपभ्रंश और हिंदी वाक्या-विन्यास का तुलनात्मक विवेचन, अपभ्रष के कुछ विशिष्ट तद्भव तथा देशी शब्द और उनके हिंदी रूपों की सूची, अपभ्रंश के प्रायः सभी सूचित और ज्ञात ग्रंथों की सूची, अपभ्रंश के मुख्या कवियों, काव्यों और काव्य-प्रवृत्तियों की विस्तृत समीक्षा, अपभ्रंश और हिंदी साहित्य के ऐतिहासिक सम्बन्ध पर विशेष विचारों का समावेश किया गया है। आशा है पुस्तक विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा पाठकों का मार्ग दर्शन करने में सहायक सिद्ध होगी।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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