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Description
जहाँआरा : एक ख़्वाब एक हक़ीक़त
शाहजहाँ का शासन मुग़ल काल का स्वर्ण युग कहा जाता है और असली/खरा सोना थी मुग़ल शहज़ादी जहाँआरा। उसने अपनी माँ के बाद न केवल पिता को सँभाला बल्कि अपने हुनर से हरम प्रबन्धन से लेकर कारखानों के उत्पादन को बढ़ाया। उसने अगर एक तरफ़ सियासत को समझा तो वहीं सूफ़ीवाद को भी जिया। उसने झंझावातों का सामना किया तो पिता और प्रिय भाई दारा के ख़िलाफ़ हुए भाइयों को समझाने का अन्त तक प्रयास किया। बन्दी पिता की अन्त तक सेवा की और फिर अपनी कार्यकुशलता, ईमानदारी के चलते छोटे भाई औरंगज़ेब के साथ भी मल्लिका-ए-जहाँ का पद दुबारा सँभाला।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Publishing Year | 2021 |
Pages | |
Pulisher |
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