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Description
माटी पानी में सनी बौद्धिकता
प्रत्येक समाज अपने विकास के क्रम में ज्ञान के अपने संस्रोत विकसित करता है , जो समझने की अन्तः दृष्टि देते है। किन्तु भारतीय समाज को समझने की जो दृष्टियाँ हैं उनमें औपनिवेशिकता एवं पश्चिमी ज्ञान संदर्भो की भरमार है। हमें अपने समाज को समझने के लिए देशज चिन्तन दृष्टि की आवश्यकता है। यह पुस्तक समाज विज्ञान के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण देशज चिन्तन दृष्टियों को मुख्य विमर्श का हिस्सा बनाने का एक छोटा सा प्रयास है जो कि अभी तक साहित्य, लोक या गल्प के नाम पर हाशिए पर रही हैं।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2021 |
Pulisher |
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