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Mera Bachpan Mere Kandhon Par
₹695.00 ₹525.00
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Author: Sheoraj Singh Bechain
Pages: 440
Year: 2023
Binding: Hardbound
ISBN: 9789350724194
Language: Hindi
Publisher: Vani Prakashan
मेरा बचपन मेरे कन्धों पर
इन अर्थों में यह किताब आपको एक नहीं, कई मार्मिक अन्तःकथाएँ कहती है-छुआछूत की कथा, उत्पीड़न को उलटने की द्वन्द्वात्मकता की कथा और अपने शब्दों से एक आदर्श संसार की तलाश की यथार्थ कथाएँ, अपने कठिन लेकिन जीवट-भरे बचपन की धूप और झुटपुटों से रचे-बसे हाथों से लिखे गये अपने शब्दों में।
बचपन से वयस्कता तक, बच्चे से पुरुष बनने तक, यह एक दुर्लभ महाकाव्यात्मक साहित्य है, क्योंकि प्रेम, गरिमा और मुक्ति की तरह इसका हर शब्द एक सपना है, हर शब्द अनमोल है। मुक्ति भय से, मुक्ति भूख से, मुक्ति छुआछूत से, वर्ण व्यवस्था पर आधारित समाज के उत्पीड़न और अमानवीयता भरे भयावह कर्मकाण्ड से। पूरे आदर के साथ आप इस किताब को अपने हाथों में लीजिए। इसका स्पर्श कीजिए और इसे चूमिए तब आप लेखक की ऊपरी त्वचा और भीतरी संवेदना को महसूस कर सकेंगे, और तभी आप रत्ती भर भी साहित्यिक दिखावे या दावे के बिना महान साहित्य की ठोस उपस्थिति भी महसूस कर सकेंगे। एक दलित की महान मानवीय सृजनात्मकता को भी।
भूमिका से
– अमित सेन गुप्ता
वरिष्ठ पत्रकार और प्रभारी सम्पादक हार्ड न्यूज़
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher |
श्यौराज सिंह बेचैन
जन्म : 5 जनवरी 1960, गाँव नदरोली, बदायूँ (उ.प्र.)
शिक्षा: एम.ए., बी.एड. (हिन्दी), पीएच. डी., डी. लिट्.
रचनाएँ: मेरा बचपन मेरे कन्धों पर (आत्मकथा); चमार की चाय, क्रौंच हूँ मैं, नयी फसल (कविता संग्रह); सामाजिक न्याय और दलित साहित्य, हिन्दी दलित पत्राकारिता पर पत्रकार अम्बेडकर का प्रभाव (शोध-प्रबन्ध); लिमका बुक ऑफ़ रिकार्ड (1999) में दर्ज; अम्बेडकर, गाँधी और दलित पत्रकारिता, समकालीन हिन्दी पत्रकारिता में दलित उवाच, दलित क्रान्ति का साहित्य; मूल खोजो विवाद मिटेगा, अन्याय कोई परम्परा नहीं, साहित्य में दलित जीवन के प्रश्न, दलित दखल, स्त्री विमर्श और पहली दलित शिक्षिका, उत्तर सदी के कथा साहित्य में दलित विमर्श, दलितेतर वर्ग के उपन्यास : दलित समस्या और समाधान,
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