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Momin

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Author: Dharampal Gupta 'Shalabh'

Availability: 5 in stock

Pages: 112

Year: 2020

Binding: Paperback

ISBN: 9789389373318

Language: Hindi

Publisher: Rajpal and Sons

Description

मोमिन

इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया।

श्रृंखला की हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिये हैं; और साथ ही हर शायर के जीवन और लेखन पर रोचक भूमिका भी है।

आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है।

मोमिन ख़ान मोमिन (1800-1851) ग़ालिब, ज़ौक के वक्त के शायर हैं, जो अपनी ग़ज़लों के लिए याद किये जाते हैं और जिनमें फ़ारसी भाषा की ख़ास झलक मिलती है। कहा जाता है कि मोमिन के इस एक शे’र के लिए ग़ालिब उन्हें अपना पूरा दीवान देने के लिए तैयार थे –

तुम मेरे पास होते हो गोया

जब कोई दूसरा नहीं होता

कश्मीरी परिवार में जन्मे, मोमिन पेशे से तो एक हकीम थे और शायद इसीलिए उन्हें हक़ीम ख़ान भी कहा जाता है।

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Authors

Binding

Paperback

Language

Hindi

ISBN

Publishing Year

2020

Pages

Pulisher

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