Mughal shahzada Khusroo

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Mughal shahzada Khusroo

Mughal shahzada Khusroo

225.00 190.00

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225.00 190.00

Author: Heramb Chaturvedi

Availability: 10 in stock

Pages: 296

Year: 2016

Binding: Paperback

ISBN: 9789352294138

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

मुगल शहज़ादा खुसरू
मुग़ल-इतिहास अपने-आप में दिलचस्प, आकर्षक और महत्त्वपूर्ण है किन्तु इसके आकर्षण और दिलचस्पी के साथ सत्ता-संघर्ष के षड्यन्त्रों एवं इनके रहस्योद्घाटन के चलते इसका आकर्षण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही रहा है। मुग़ल साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक और उसे एक मुहावरे का रूप और समृद्ध व सद्भाव साम्राज्य का दर्जा देने वाले अकबर ने कभी किसी क्षण में विवश होकर अपने पुत्र, सलीम (जहाँगीर) के स्थान पर अपने पौत्र, खुसरू के माध्यम से अपने द्वारा स्थापित मुग़ल संस्कृति और विरासत की सुदृढ़ता, समृद्धि और निरन्तरता बनाये रखने के लिए ऐसा सोचा था किन्तु उसी ने पिता को पुत्र का कट्टर शत्रु बना दिया। सत्ता की अमिट चाह, फिर प्रेम, ईर्ष्या, सत्ता-संघर्ष का एक लम्बा दौर खुसरू की हत्या के साथ समाप्त होता है।

इसमें जहाँगीर, नूरजहाँ और शाहजहाँ के पारस्परिक सम्बन्धों और समीकरणों से उपजी राजनीतिक अस्थिरता का विश्लेषण है तो कहीं न कहीं उपन्यासकार ने मुग़ल साम्राज्य के पतन की मूलभूत प्रवृत्तियों को भी रेखांकित करने में सफलता अर्जित की है। मध्यकालीन भारतीय इतिहास के 36 वर्ष के अध्यापन के परिपक्व अनुभव के पश्चात यह उनका पहला ऐतिहासिक उपन्यास है, जिसमें मुग़ल राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक वाङ्मय और उसकी अन्तर्धाराएँ दिलचस्प और सहज अन्दाज़ में प्रस्तुत की गयी हैं।

शहज़ादे खुसरू की तुलना सिर्फ़ उसके भतीजे दाराशिकोह से ही की जा सकती है। दाराशिकोह विद्वान था, किन्तु खुसरू विद्वान् होने के साथ एक अनोखे चरित्रवान चरितनायक की तरह उभरता है। मुग़ल शासकों और शहज़ादों में अकेला अपवाद जिसने सिर्फ़ एक विवाह किया और उसे निभाया और यह भी कहीं न कहीं उसकी हत्या के लिए उत्तरदायी हो गया। इतिहास के अध्ययन-अध्यापन के दीर्घ अनुभव के कारण इसमें उपन्यासकार द्वारा खुसरू, जहाँगीर, शाहजहाँ से सम्बन्धित सभी ऐतिहासिक स्रोतों को तो खंगाला ही गया है, इसके साथ ही विवरण की वस्तुपरकता जैसी दुर्गम शैली को बनाये रखने का भी निष्ठापूर्ण प्रयास किया गया है।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2016

Pulisher

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