Namvar Ke Notes

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Namvar Ke Notes

Namvar Ke Notes

350.00 295.00

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Author: Namvar Singh

Availability: Out of stock

Pages: 136

Year: 2016

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126726844

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

नामवर के नोट्स

आज के विमर्शवादी दौर में नामवर जी के कक्षा-व्याख्यान शास्त्र-निर्माण की भारतीय परम्परा के चिह्न की तरह हैं। भारतीय आचार्यों के प्रति उनका अनाक्रान्त भाव विस्मित करता है। वे स्वाभाविक रूप से उन स्थानों को बताते हैं जहाँ काव्यशास्त्र की परम्परा में उलट-फेर हुआ है। दूसरे जहाँ बचकर निकलते हैं, नामवर जी वहीं रुकते हैं। पश्चिम में इंडोलॉजी के प्रति आकर्षण रहा है। इसमें काव्यशास्त्र भी एक है। इस आकर्षण के वस्तुगत कारण कौन से हैं ?

विचार करने पर स्पष्ट होता है कि वहाँ काव्यशास्त्र सम्बन्धी कुछ प्रस्तावनाएँ, आनुषांगिक चर्चाएँ ही रही हैं। भारतवर्ष में काव्यशास्त्र एक विधिवत शास्त्र रहा है। भारतीय काव्यशास्त्र शास्त्र-निर्माण की एकान्तिक साधना का फल नहीं है। संस्कृत काव्यशास्त्र पर विभिन्न अनुशासनों का प्रभाव और अपने को असाधारण सिद्ध करने की बेचैनी दोनों प्रत्यक्ष हैं।

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Hardbound

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Publishing Year

2016

Pulisher

Language

Hindi

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