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Pranvayu

Pranvayu

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Author: Ambikasutan Mangad Translated by Dr.Suma S.

Availability: 5 in stock

Pages: 128

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9789355180452

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

प्राणवायु

प्राणवायु – उत्तर-आधुनिकता का जश्न मनाये बिना आधुनिक काल की विसंगतियों की समस्यात्मक और आलोचनात्मक टिप्पणी प्रस्तुत करने वाली हैं मलयालम साहित्य के मशहूर पारिस्थितिक कहानीकार अम्बिकासुतन मान्गाड की कहानियाँ।

मानव जीवन को बिना किसी सजावट के, बिना किसी भाषापरक अतिशयोक्ति या अलंकरण के अम्बिकासुतन कहानी लिखने में सिद्धहस्त हैं। उनकी कहानी केवल अनुभव नहीं बल्कि एक भविष्यवाणी भी है। एक रचना तब अमर हो जाती है जब लेखक भविष्यवक्ता बन जाता है। अम्बिकासुतन जी ऐसे ही एक क्रान्तदर्शी कहानीकार हैं। संकलन की अन्तिम कहानी ‘प्राणवायु’ इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।

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Authors

Binding

Hardbound

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

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