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Description
शूरवीर
फिर वे तीसरा हमला बोल देते हैं। अब तक पलटन के करीब-करीब आधे जवान मारे जा चुके हैं और गोला-बारूद भी खत्म होने के कगार पर आ गया है। अपनी चोट के बावजूद जोगिंदर सिंह खुद हाथ में लाइट मशीनगन उठाकर दुश्मनों पर गोलियाँ चलाना शुरू कर देते हैं और जितनों को मार गिरा सकते हैं, मार गिराते हैं। जल्द ही सारा गोला-बारूद खत्म हो जाता है।
चीनी उनके साहस को देखकर स्तब्ध रह जाते हैं। संख्या में कम होने के बावजूद उनमें हिम्मत की कमी नहीं है। लंबी दाढ़ी और पगड़ी पहने ऐसे खतरनाक सिख लड़ाके चीनियों ने पहले कभी नहीं देखे थे।
पहले दुबले लेकिन तेज-तर्रार जोगिंदर सिंह की अगुवाई में बचे-खुचे सैनिक चीनियों पर झपट पड़ते हैं।…जोगिंदर सिंह की हिम्मत से प्रेरित होकर वे सभी चीनियों पर झपट पड़ते हैं और मरने से पहले अपनी संगीनों से जितने चीनियों को हलाक कर सकते हैं, करने की कोशिश करते हैं। आखिरकार एक-एक जवान मारा जाता है।
—इसी पुस्तक से
भारत में वीरता के लिए दिए जानेवाले सर्वोच्च सैन्य पदक परमवीर चक्र को हासिल करनेवाले 21 जाँबाज फौजियों की हैरतअंगेज कहानियाँ।
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अनुक्रम |
भूमिका |
भारत-पाक युद्ध – 1947-48 |
सोमनाथ शर्मा |
करम सिंह |
रामा राघोबा रागे |
ज़दुनाध सिंह |
पीरु सिंह शेखावत |
कांगो- 1961 |
गुरबचन सिंह सलारिया |
भाशा-चीन युद्ध – 1962 |
धन सिंह थापा |
जोगिन्दर सिंह |
शेतान सिंह |
दूसरा कशमीर युद्ध – 1965 |
अब्दुल हमीद |
अर्देशिंर बुजोंर्जी तारापोर |
भग्रस्त-पाक युद्ध – 1971 |
एल्बर्ट एवका |
निर्मल जीत सिंह सेखों |
अरुण खेत्रपाल |
होशियार सिंह |
सियाचिन – 1987 |
बाना सिंह |
ऑपरेशन पवन-1987 |
रामास्वामी परमेस्वरन |
कारगिल मुद्ध-1999 |
मनोज कुमार पाण्डेय |
योगेंद्र सिंह यादव |
संजय कुमार |
विक्रम बत्रा |
आभार |
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Language | Hindi |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher |
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