Stree Asmita Ke Prashan

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Stree Asmita Ke Prashan

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150.00 130.00

In stock

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Author: Subhash Setia

Availability: 5 in stock

Pages: 128

Year: 2012

Binding: Hardbound

ISBN: 9788188457342

Language: Hindi

Publisher: Samayik Prakashan

Description

स्त्री अस्मिता के प्रश्न

नई सदी के आरंभ में ही नारी-विमर्श भारतीय चिंतन प्रक्रिया का एक मुख्य पहलू बन गया है। इसलिए इक्कीसवीं सदी को महिलाओं की सदी घोषित कर दिया गया है। वैसे तो आज स्त्री-विमर्श के नाम पर हिंदी में बहुत कुछ लिखा जा रहा है और प्रकाशित भी हो रहा है, किंतु उसमें से बहुत कुछ ऐसा है जो स्त्री-विमर्श की आड़ में चल पड़ी बाजारवादी होड़ में शामिल होने के प्रयास से अधिक कुछ नहीं। लेकिन सुभाष सेतिया की यह पुस्तक अपने शीर्षक के अनुरूप स्त्री-विमर्श के मूल संदर्भों को उद्घाटित करती है। इसमें मात्र बहती गंगा में हाथ धोने की प्रवृत्ति नहीं है, बल्कि लेखक ने ‘स्त्री अस्मिता’ के विभिन्‍न संदर्भों पर व्यापक और ईमानदार विमर्श प्रस्तुत किया है।

आज की स्त्री अपनी अस्मिता और अस्तित्व की वास्तविकता को पहचान रही है और वह अपनी स्वतंत्र सत्ता के प्रति अधिक सचेत हुई है। लेखक इस बात को रेखांकित करता है कि यह बदलाव केवल महिलाओं में ही नहीं आया है, बल्कि धीरे-धीरे समूचे समाज में भी जागरूकता आ रही है और स्त्री के प्रति उसका दृष्टिकोण बदल रहा है।

पुस्तक में स्त्री अस्मिता को चुनौती दे रहे नए प्रश्नों की ओर भी संकेत है। देश में कन्या-भ्रूण हत्या का बढ़ता चलन तथा यौन शोषण् की घटनाओं में बढ़ोतरी कुछ ऐसे ही पहलू हैं जो चिंतित करते हैं। फिर भी विकास हो रहा है जो आशाजनक है। और यही इस पुस्तक का मूल स्वर है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2012

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