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Ummeed
₹395.00 ₹295.00
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Author: Aasteek Vajpeyi
Pages: 112
Year: 2023
Binding: Hardbound
ISBN: 9788119028665
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
उम्मीद
‘उम्मीद’ ‘थरथराहट’ के बाद आस्तीक वाजपेयी का नया कविता-संग्रह है। यहाँ प्रकाशित कविताएँ मनुष्य के अकेलेपन, उसकी विफलता, समृद्धि और उम्मीद के ऐसे इलाकों में प्रवेश कर उन्हें आलोकित करती हैं जो अब तक लगभग अछुए थे। नाउम्मीदी की कालिमा में ये कविताएँ उम्मीद की चमकीली दरारों की ओर इशारा करती हैं। वे दरारें जिनकी ओर हमारा ध्यान बिल्कुल भी नहीं गया था। इन कविताओं का एक इंगित यह भी है कि ऐसी कोई नाउम्मीद मुमकिन नहीं जिसमें उम्मीद की दरारें न हों, मानो हर नाउम्मीद के सीने में उम्मीद की धड़कन निरन्तर उपस्थित रहती हो। ये कविताएँ अकेलेपन का पूरी निष्ठा से सामना करते मनुष्य के थरथराते दस्तावेज़ हैं। जो अनायास ही अकेलेपन की समृद्धि को सामने ले आते हैं। इस संग्रह के चरित्र महाभारत से लेकर कवि के अपने आसपास से आते हैं। संग्रह की शुरुआत महाकाव्यात्मक चरित्रों से होती है।
जनमेजय, दुर्योधन, ऋष्यशृंग, भीम, बलराम जैसे विराट व्यक्तित्वों में ये कविताएँ उन स्थलों को चिह्नित करती हैं जहाँ वे अपनी विराटता को तजने पर बाध्य होते हैं। और इसी रास्ते ये कविताएँ कवि के आत्मीयों में वे स्थल प्रकाशित कर देती हैं जहाँ वे चरित्र अचानक विराट हो उठते हैं। आस्तीक की कविताओं का विस्तार ‘महाभारत’ से कवि के अन्तरंग तक होने के फलस्वरूप हम, उनके पाठक, अगर एक ओर महाकाव्य का अन्तरंग अनुभव कर पाते हैं तो दूसरी ओर हमें खुद अपने अन्तरंग के विराट होने का भी अहसास होने लगता है। हम जिस समाज में रह रहे हैं, वह हमारे अस्तित्व के विराट आयाम को उद्घाटित होने को प्रतिरोध देता है। अगर यह तथ्य किसी भी हद तक सही है तो हमारा यह मानना उचित ही है कि ऐसे समाज में आस्तीक की कविताएँ मनुष्य को, भले ही क्षण को ही, अपना विराट आयाम अनुभव करने का अवकाश प्रदान करती हैं और इस तरह गहन मानवीय मूल्यों को पुनर्प्रतिष्ठित करने की दिशा में बढ़ती हैं।
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Binding | Hardbound |
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Language | Hindi |
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Publishing Year | 2023 |
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आस्तीक वाजपेयी
आस्तीक वाजपेयी का जन्म 19 नवम्बर, 1986 को भोपाल, मध्यप्रदेश में हुआ। उन्होंने मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, भोपाल से बी-टेक किया है। भारतीय मार्गी और पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में उनकी गहरी रुचि है।
‘थरथराहट’ शीर्षक से उनका पहला कविता-संग्रह प्रकाशित है। ‘उम्मीद’ उनका दूसरा कविता-संग्रह है। उनकी कविताएँ ‘वागर्थ’, ‘जनसत्ता’, ‘समास’, ‘पूर्वग्रह’ आदि पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुई हैं।
उन्हें 2013 के ‘जानकीपुल पुरस्कार’, 2014 के ‘भारतभूषण अग्रवाल सम्मान’ और कविता-संग्रह ‘थरथराहट’ के लिए 2017 के ‘युवा साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है।
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