Uttal Hawa

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Uttal Hawa

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Author: Taslima Nasrin

Availability: 5 in stock

Pages: 495

Year: 2012

Binding: Paperback

ISBN: 9788181430131

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

उत्ताल हवा
सन् 1999 में प्रकाशित तसलीमा नसरीन की आत्मकथा का पहला खण्ड, आमार मेयेर बेला, ने बंगाली पाठकों और उसका हिन्दी अनुवाद, मेरे बचपन के दिन ने हिन्दी पाठकों का मन उत्ताल कर दिया था। आज यह पुस्तक अविस्मरणीय आत्मकथा के रूप में प्रतिष्ठित उत्ताल हवा, इस आत्मकथा का दूसरा खण्ड है। इस खण्ड में तसलीमा के 16 से 26 की उम्र तक की कहानी समेटी गई है। लेखिका ने अपनी कथा में असहनीय स्पष्टवादिता के साथ गहरे ममत्वबोध का एक हैरतंगेज संगम प्रस्तुत किया है। लेकिन अब तसलीमा और बड़ी और विराट होती जा रही है, अपनी चारो तरफ को जानने परखनेवाली नजर और ज्यादा तीखी होती गई है, तजुर्बों की परिधि और अधिक विस्तृत होती गई है। इसलिए, इस खंड में तसलीमा के असली तसलीमा बनने की गोपन कथा पाठकों के सामने काफी हद तक उजागर हो उठती है।

एक अदद पिछड़ा हुआ समाज और दकियानूसी परिवार में पल-बढ़ कर बड़ी होती हुई लड़की, कैसे भयंकर कशमकश झेलती हुई धीरे-धीरे प्रचीनता के बंधन तोड़कर, असाधारण विश्वसनीयता के साथ खिल उठी है। उनका प्यार, प्यार के साथ सुख, दुःख, खुशी वेदना, रिश्तों के उठते गिरते, ऊँचे-नीचे झूमते अनिर्णित झूले में झूलता मन और अंत में एक उत्तरण पाठकों के लिए एक मर्मस्पर्शी घना विषाद भरा तजुर्बा शुरू से लेकर अंत तक काव्य-सुषमा से मंडित गद्य। गद्य के घुल-मिलकर एकाएक कविता, पाठकों के मन में भी दुकुल बहता हुआ।

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Authors

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Paperback

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2012

Pulisher

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