Vichar Ka Anant

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Vichar Ka Anant

Vichar Ka Anant

495.00 375.00

In stock

495.00 375.00

Author: Purushottam Agrawal

Availability: 5 in stock

Pages: 183

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126700097

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

विचार का अनंत

वर्तमान समय के केन्द्रीय किन्तु अवरुद्ध प्रश्नों के साथ पुरुषोत्तम अग्रवाल के टकराव और आत्ममन्थन की फलश्रुति है – ‘विचार का अनन्त’। एकेश्वरवाद को स्वयंसिद्ध और इतिहास का लक्ष्य मानने की सर्व स्वीकृत मान्यता का तर्कसंगत विरोध करते हुए इस पुस्तक में एकेश्वरवादी आस्था-तन्त्र और ज्ञान-मीमांसा की गहरी पड़ताल की गई है। इन निबन्धों में सर्जनात्मकता के आत्मसंघर्ष और समाज के साथ उसके सम्बन्ध को समझने की अकुलाहट है।

‘विचार का अनन्त’ एक ऐसी पुस्तक भी है जिसमें सर्जनात्मकता मात्र की अपनी विशिष्ट ज्ञान-मीमांसा को अत्यन्त विचारोत्तेजक ढंग से रेखांकित किया गया है। यह पुस्तक भक्ति-संवेदना को ‘शास्त्रोक्त’ और ‘काव्योक्त’ की पारस्पर संबद्ध किन्तु भिन्न कोटियों में देखने का आग्रह करती है। ‘विचार का अनन्त’ इस अर्थ में विशिष्ट है कि यह सभ्यताओं, संस्कृतियों, परम्पराओं के साथ संवाद करती है और यह भी स्पष्ट करती है कि उन दिनों अत्यन्त प्रचलित अस्मिता-विमर्श की नैतिक परिणतियाँ किस हद तक अनर्थकारी हैं या हो सकती हैं। संवेदनशील मनुष्य के मन में सहज रूप से विद्यमान, साझे मानवीय चैतन्य की सम्भावना को सशक्त स्वर देने के कारण ‘विचार का अनन्त’ की उपस्थिति अपनी विशिष्टता के साथ सदैव बनी रहेगी।

Additional information

Weight 0.5 kg
Dimensions 21 × 14 × 4 cm
Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

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