Acharya Mahaveer Prasad Dwivedi

Acharya Mahaveer Prasad Dwivedi

महावीर प्रसाद द्विवेदी

जन्म 9 मई, 1864 ई. रायबरेली जिले के दौलतपुर गाँव में (उ.प्र.) आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, हिंदी के महान साहित्यकार, पत्रकार एवं युग प्रवर्तक थे। उन्होंने हिंदी साहित्य की अविस्मरणीय सेवा की। उनके योगदान से हिंदी साहित्य का दूसरा युग ‘द्विवेदी युग’ के नाम से जाना जाता है। हिंदी नवजागरण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। शिक्षा: आर्थिक कारणों से इनकी शिक्षा का क्रम अधिक समय तक न चल सका। इन्हें (जी.आई.पी.) रेलवे में नौकरी मिल गयी। किंतु बाद में किसी कारण से इन्हें नौकरी से इस्तीफा देना पड़ा। संपादन: सन 1903 में द्विवेदी जी ने ‘सरस्वती’ मासिक पत्रिका के संपादन का कार्यभार संभाला और उसे सत्रह वर्ष तक कुशलतापूर्वक निभाया। प्रमुख रचनाएँ : इनके छोटे-बड़े ग्रंथों की संख्या कुल मिलाकर 81 है। पय के मौलिक ग्रंथों में काव्य-मंजूषा, कविता कलाप, देवी-स्तुति आदि प्रमुख है। गंगा लहरी, ऋतु तरंगिणी, कुमार संभव सार आदि इनके अनुदित पय ग्रंथ है। मौलिक रचनाओं में तरुणोपदेश, नेषध चरित्र चर्चा, हिंदी कालिदास की समालोचना, नाट्यशास्त्र, सम्पत्तिशास्त्र, हिंदी भाषा की उत्पत्ति, कालिदास की निरंकुशता आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय है। अनुवाद में वेकन विचार, लुई कोने, जॉन स्टुअर्ट मिल, हिंदी महाभारत, वेणी संसार आदि प्रमुख है।

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