Amritlal Nagar
अमृतलाल नागर
नागरजी का जन्म 17 अगस्त, 1916 को आगरा में हुआ। लखनऊ में शिक्षा प्राप्त की और फिर वहीं बस गए। तस्लीम लखनवी, मेघराज, इन्द्र आदि उपनामों से भी लेखन किया है। बांग्ला, तमिल, गुजराती और मराठी भाषाओं के ज्ञाता।
प्रमुख कृतियाँ :
कहानी-संग्रह : वाटिका, अवशेष, नवाबी मसनद, तुलाराम शास्त्री, एटम बम, एक दिल हजार दास्ताँ, पीपल की परी; उपन्यास : महाकाल, सेठ बाँकेमल, बूँद और समुद्र, शतरंज के मोहरे, नाच्यौ बहुत गोपाल, खंजन नयन, अमृत और विष; शोधकृतियाँ : गदर के फूल, ये कोठेवालियाँ; बाल-साहित्य : नटखट चाची, निन्दिया आजा आदि उल्लेखनीय हैं। अन्य महत्त्वपूर्ण कृतियों में तुलसी के जीवन पर आधारित महाकाव्यात्मक उपन्यास : मानस का हंस।
हास्य-व्यंग्य-संग्रह : कृपया दाएँ चलिए, भरत पुत्र नौरंगीलाल तथा संस्मरण-संग्रह : जिनके साथ जिया प्रमुख हैं।
नागरजी को 1967 में साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी अनेक कृतियों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया है।
निधन : 23 फरवरी, 1990