बलजिन्दर नसराली का जन्म गाँव नसराली, तहसील खन्ना, ज़िला लुधियाना (पंजाब) में हुआ। बारहवीं कक्षा से कहानी लिखने की शुरुआत। उनकी एक कहानी दिल्ली विश्वविद्यालय और दो कहानियाँ पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। अब तक ग्यारह कहानियाँ और तीन उपन्यास छप चुके हैं। उनके कहानी-संग्रह ‘डाकखाना खास’ को गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर की ओर से ‘भाई वीरसिंह गल्प पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। ‘अम्बर परियाँ’ इसी नाम से प्रकाशित और चर्चित उनके पंजाबी उपन्यास का अनुवाद है।
सम्प्रति : एसोसिएट प्रोफेसर, पंजाबी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली।