Chandrabali Singh
चन्द्रबली सिंह
प्रस्तुत कृति के अनुवादक डॉ. चन्द्रबली सिंह (1924-2011) ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर (अंग्रेज़ी साहित्य) उपाधियाँ प्राप्त कीं। बलवंत राजपूत कॉलेज, आगरा (अब राजा बलवंत कॉलेज), और उदय प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय, वाराणसी में आपने चालीस वर्षों (1944 से 1984 तक अध्यापन कार्य किया। आपकी आलोचनात्मक कृतियों में प्रमुख हैं : लोकदृष्टि और हिंदी साहित्य और आलोचना का जनपक्ष।
आप समकालीन हिंदी काव्य कृतियों पर नियमित रूप से आज (वाराणसी) में तथा सुमित्रानंदन पंत, बच्चन, अज्ञेय, रामविलास शर्मा, केदारनाथ अग्रवाल, नागार्जुन, शमशेर बहादुर सिंह, त्रिलोचन, शिवमंगल सिंह सुमन, भारतभूषण अग्रवाल, शम्भुनाथ सिंह ठाकुर प्रसाद सिंह, नीरज, श्रीकांत वर्मा, धर्मवीर भारती, नरेश मेहता, दुष्यंत कुमार, केदारनाथ सिंह तथा तीसरा सप्तक के रचना कर्म पर लिखते रहे।
विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं-हंस, पारिजात, नई चेतना, नया पथ; कल्पना, कलम, स्वाधीनता आदि में आपके अनगिनत लेख प्रकाशित हुए। समकालीन हिंदी कविता पर Hindi Review नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी (1958-1959) में भी लिखा। हिंदी पाठकों के बीच एक समर्पित अनुवादक के तौर पर लंबे समय से समादृत डॉ. सिंह ने नाज़िम हिकमत, वाल्ट ह्विटयन, एमिली डिकिन्सन, ब्रेख़्त; पाब्लो नेरूदा (पृथ्वी पर आवास और सम्पादित कविताएँ, मायकोव्स्की तथा रॉबर्ट फ्रास्ट जैसे कई विशिष्ट और प्रमुख विदेशी कवियों की रचनाओं का हिंदी में अनुवाद किया। आपने जनवादी लेखक संघ की केन्द्रीय पत्रिकाओं कलम और नया पथ का संपादन भी किया।