Gyan Chaturvedi

Gyan Chaturvedi

ज्ञान चतुर्वेदी

मऊरानीपुर (झाँसी) उत्तर प्रदेश में 2 अगस्त, 1952 को जन्मे डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी की मध्य प्रदेश में ख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ की तरह विशिष्ट पहचान। चिकित्सा शिक्षा के दौरान सभी विषयों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र का गौरव हासिल किया। भारत सरकार के एक संस्थान (बी.एच.ई.एल.) के चिकित्सालय में कोई तीन दशक से ऊपर सेवाएँ देने के पश्चात् हाल ही में शीर्षपद से सेवा-निवृत्ति।

लेखन की शुरुआत सत्तर के दशक से ‘धर्मयुगसे। प्रथम उपन्यासनरक-यात्राअत्यन्त चर्चित रहा, जो भारतीय चिकित्सा-शिक्षा और व्यवस्था पर था। इसके पश्चात् ‘बारामासीतथा ‘मरीचिकाजैसे उपन्यास आए और ‘हम न मरबउनकी ताजा औपन्यासिक कृति।

दस वर्षों से ‘इंडिया टुडेतथा ‘नया ज्ञानोदयमें नियमित स्तम्भ। इसके अतिरिक्त राजस्थान पत्रिका और ‘लोकमत समाचारदैनिकों में भी व्यंग्य स्तम्भ।

अभी तक तकरीबन हजार व्यंग्य रचनाओं का प्रकाश। ‘प्रेत कथा’, ‘दंगे में मुर्गा’, ‘मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएँ’, ‘बिसात बिछी हैं’, ‘खामोश ! नंगे हमाम में हैं’, ‘प्रत्यंचाओर ‘बाराखड़ीव्यंग्य-संग्रह।

शरद जोशी के ‘प्रतिदिनके प्रथम खंड का अंजनी चौहान के साथ सम्पादन।

‘राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मानम.प्र. सरकार। दिल्ली अकादमी का व्यंग्य लेखन के लिए दिया जाने वाला प्रतिष्ठित दिल्ली ‘अकादमी सम्मान। अन्तर्राष्ट्रीय इन्दु  शर्मा कथा-सम्मान (लन्दन) तथा ‘चकल्लस पुरस्कारके अलावा कई विशिष्ट सम्मान।

पुत्री नेहा डॉक्टर हैं तथा बेटा दुष्यन्त इंजीनियर। पत्नी शशि चतुर्वेदी भारत सरकार के चिकित्सा-संस्थान में स्त्रीरोग विशेषज्ञ।

सम्पर्क  : ए-40, अलकापुरी, भोपाल : 402024

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