Harimohan Jha Translated by Vibha Rani

Harimohan Jha Translated by Vibha Rani

हरिमोहन झा

जन्म : 18 सितम्बर, 1908 को और निधन 28 फरवरी, 1984 को। दर्शनशास्त्र में एम. ए.। मैथिली के मूर्द्धन्य साहित्यकार और पिता पं. जनार्दन झा की छाया में रचना-कर्म का प्रारम्भ। प्रायः मैथिली भाषा में ही लेखन, लेकिन अनेक कृतियाँ अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित। सन्‌ 1985 में साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत-सम्मानित।

कृतियाँ : ‘कन्यादान’, ‘दिवरागमन’, ‘खट्टर ककाक तरंग’, ‘चर्चरी’, ‘रंगशाला’, ‘प्रणम्य देवता’, ‘जीवनयात्रा’।

अनुवादक परिचय :

सुश्री विभा रानी का जन्म 1959 में हुआ। शिक्षा एम. ए., बी. एड.। 1982 से लेखन में संलग्न। मैथिली भाषा से अनुवाद-कार्य और मैथिली एवं हिन्दी में कविता, कहानी, लेख आदि प्रकाशित। सम्प्रति इंडियन ऑयल कारपोरेशन में सहायक प्रबन्धक (हिन्दी)।

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