Harish Chandra Pandey

Harish Chandra Pandey

हरीश चन्‍द्र पाण्‍डे

जन्म : दिसम्बर 1952; सदीगाँव, उत्तराखंड में।

शिक्षा : एम.कॉम.।

प्रमुख कृतियाँ : ‘कुछ भी मिथ्या नहीं है’, ‘एक बुरूंश कहीं खिलता है’, ‘भूमिकाएँ ख़त्म नहीं होतीं’, ‘कलेंडर पर औरत’ तथा ‘अन्य प्रतिनिधि कविताएँ’, ‘असहमति’ (कविता-संग्रह); ‘दस चक्र राजा’ (कहानी-संग्रह); ‘संकट का साथी’ (बाल-कथा संग्रह)।

अनुवाद : कविताओं के अनुवाद कई भाषाओं में प्रकाशित।

सम्मान : ‘कुछ भी मिथ्या नहीं’ के लिए वर्ष 1995 का ‘परिमल (सोमदत्त) सम्मान’। ‘एक बुरूंश कहीं खिलता है’ के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का ‘सर्जना पुरस्कार’, ‘केदार सम्मान’ (2001) तथा ‘ऋतुराज सम्मान’ (2004)। ‘भूमिकाएँ ख़त्म नहीं होतीं’ हेतु वर्ष 2006 का ‘कविवर हरिनारायण व्यास’ सम्मान।

सम्प्रति : भारतीय लेखा एवं लेखा-परीक्षा विभाग से सेवानिवृत्ति के पश्चात् स्वतंत्र लेखन।

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