Kanchan Singh Chouhan

Kanchan Singh Chouhan

कंचन सिंह चौहान

विकलांग होने के अर्थ और आशय को समझने और अनुभव करने वाली चालीस वर्षीय लेखिका कंचन सिंह चैहान ने 75 प्रतिशत विकलांग होने के बावजूद कभी विकलांगता से हार नहीं मानी और अपने व्हील चेयर को पंख बनाकर हौसले और जिजीविषा को नयी परिभाषा देती आ रही हैं। उनकी पहली पुस्तक तुम्हारी लंगी की कहानियों के विषय में वैविध्यता है। प्रेम, एसिड अटैक, वैवाहिक व घरेलू बलात्कार पर केन्द्रित कहानियों के साथ दो कहानियाँ विकलांग व्यक्तियों के रोज़मर्रा के जीवन में आने वाली कठिनाइयों पर भी ध्यान आकर्षित करती हैं।

पिछले एक दशक से समस्त साहित्यिक पत्रिकाओं में छपने वाली कंचन सिंह चैहान ने अपने कलम की क्षमताओं से सबका ध्यान आकर्षित किया है।

इनका संपर्क है : chouhan.kanchan1@gmail.com

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