Pandey Bechan Sharma 'Ugra'
पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’
जन्म : 1900 ई.। चुनार, जिला मिर्ज़ापुर। 14 वर्ष की आयु तक स्कूल की बजाय गलियों-सड़कों पर। 1915 से पढ़ाई की शुरुआत तो 1920 में जेल जाने से शिक्षावरोध। 1921 में रिहाई।
1921 से 1924 तक दैनिक ‘आज’ (बनारस) में कहानियाँ, कविताएँ, व्यंग्यादि का लेखन। तत्पश्चात कलकत्ता में ‘मतवाला’ के सम्पादकीय सहयोगी। 1926-27 में पुनः जेलयात्रा। 1930-38 में बम्बई जाकर फिल्म-लेखन। 1939-45 के दौरान मध्यप्रदेश से प्रकाशित स्वराज्य, वीणा, विक्रम आदि पत्रों में लेखन-सम्पादन। 1947 में मिर्ज़ापुर से ‘मतवाला’ का पुनर्प्रकाशन। लेकिन 1950-52 में पुनः कलकत्ता और फिर 1953 से मृत्युपर्यन्त – 23 मार्च 1967 तक – दिल्ली में।
प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें : चाकलेट, चन्द हसीनों के ख़तूत, फागुन के दिन चार, सरकार तुम्हारी आँखों में, घण्टा, दिल्ली का दलाल, शराबी, यह कंचन-सी काया, पीली इमारत, चित्र-विचित्र, कालकोठरी, कंचनघट, सनकी अमीर, जब सारा आलम सोता है, कला का पुरस्कार, मुक्ता, ग़ालिब और उग्र तथा अपनी खबर।