Pandit Ishnarayan Joshi
पं. ईशनारायण जोशी
सादगी, मृदुभाषा और शालीनता की प्रतिमूर्ति पं. ईशनारायण जोशी भोपाल के उन विरले विद्वानों की अग्रपंक्ति में शामिल हैं जिनकी ज्ञान-गरिमा पर कोई विवाद नहीं है।
भोपाल रियासत के प्रतिष्ठित धर्म-शास्त्री के पद पर रह चुके श्री जोशी ने समय-समय पर प्रबंधक हिन्दू धर्मस्व, सदावर्त, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर डिस्पोजल्स, कोषालय-अधिकारी का कार्य-दायित्व भी निभाया है।
भोपाल-सीहोर-वाराणसी-जयपुर में शिक्षित-दीक्षित और साहित्य, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि के अधिकारी विद्वान जोशी जी की विविध विषयों पर महत्त्वपूर्ण पुस्तकें हैं जिनमें मुखाकृति रहस्य (सामुद्रिक—1935), धर्म शिक्षा (तीन भागों में, 1941-45), साकोरी का संत (1942), भोजपुर (1945), कन्नड़ से अनूदित भगवत गीतोपन्यास (भाग-1, 2), मालवा की लोकचित्र कला, जुड़े हैं ज़मीन से (गद्य-गीत)। अप्रकाशित पुस्तकों में उपन्यास-अमृतपुत्र, वनस्पति नामावली-महाकवि कालिदास के वृक्ष और जीवन-योगी आनन्ददेव; कोष और संदर्भ : त्रैमासिक वनस्पति कोश (संस्कृत-हिन्दी-लेटिन), लेटिन-संस्कृत वनस्पति कोश, मानस संदर्भ और सामुद्रिक विधा संबंधी आपका चेहरा और हाथ महत्त्वपूर्ण हैं।
1913 में जन्मे जोशी जी का परिवार कोई सौ-सवा सौ पहले सिरोज से भोपाल आया था। आपके पितामह को पहले-पहल भोपाल राज्य का धर्मशास्त्री पद मिला था। इसके बाद पं. प्रेमनारायण जोशी को उत्तराधिकार मिला। पं. ईशनारायण जोशी इस पर आसीन रहने वाले एक ही परिवार के तीसरे और अंतिम पुरुष रहे।
आपको विविधवर्णी श्रेष्ठ सेवाओं के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति रजत पुरस्कार, साहित्य-सेवा सम्मान, श्रेष्ठ लेखन पुरस्कार, राज्यपाल द्वारा साहित्यश्री सम्मान, शांतिवन सम्मान, भारतीय ज्योतिष अनुसंधान सम्मान, रत्नभारती सम्मान, ज्योतिषश्री सम्मान सहित अनेक पुरस्कार-सम्मान मिल चुके हैं। आकाशवाणी से प्रसारित लगभग 100 कत्र्ताओं के अतिरिक्त आपके 300 से अधिक आलेख संस्कृत, हिन्दी, उर्दू की विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए जिनमें कई शोध लेख हैं।
पं. जोशी जहाँ उर्दू पंचांग-मोहरताज जंत्री के संपादन से जुड़े रहे, वहीं उन्होंने धर्मयुद्ध, स्वामी विवेकानंद संदेश, ज्ञान प्रदीप, जय जवान जय किसान, मानस समाचार, मानस भारती और तुलसी मानस भारती का भी सम्पादन किया।
निधन : 19 जुलाई, 2007