Prakash Manu

Prakash Manu

प्रकाश मनु

जन्म : 12 मई, 1950, शिकोहाबाद ( उ.प्र.)।

प्रकाशन : ‘यह जो दिल्ली है’, ‘कथा सर्कस’, ‘पापा के जाने के बाद’ (उपन्यास); ‘मेरी श्रेष्‍ठ कहानियाँ’, ‘मिसेज मजूमदार’, ‘जिंदगीनामा एक जीनियस का’, ‘तुम कहाँ हो नवीन भाई’, ‘सुकरात मेरे शहर में’, ‘अंकल को विश नहीं करोगे ?’, ‘दिलावर खड़ा है’ ( कहानियाँ); ‘एक और प्रार्थना’, ‘छूटता हुआ घर’, ‘कविता और कविता के बीच’ (कविता); ‘मुलाकात’ (साक्षात्कार), ‘यादों का कारवाँ’ (संस्मरण), ‘हिंदी बाल कविता का इतिहास’, ‘बीसवीं शताब्दी के अंत में उपन्यास’ (आलोचना/इतिहास); ‘देवेंद्र सत्यार्थी : प्रतिनिधि रचनाएँ’, ‘देवेंद्र सत्यार्थी : तीन पीढ़ियों का सफर’, ‘देवेंद्र सत्यार्थी की चुनी हुई कहानियाँ’, ‘सुजन सखा हरिपाल’, ‘सदी के आखिरी दौर में’ (संपादित) तथा विपुल बाल साहित्य का सृजन।

पुरस्कार : कविता-संग्रह ‘छूटता हुआ घर’ पर प्रथम गिरिजाकुमार माथुर स्मृति पुरस्कार, हिंदी अकादमी का ‘साहित्यकार सम्मान’ तथा साहित्य अकादेमी के ‘बाल साहित्य पुरस्कार’ से सम्मानित। ढाई दशकों तक हिंदुस्तान टाइम्स की बाल पत्रिका ‘नंदन’ के संपादकीय विभाग से संबद्ध रहे। इन दिनों बाल साहित्य की कुछ बड़ी योजनाओं को पूरा करने में जुटे हैं तथा लोकप्रिय साहित्यिक पत्रिका ‘साहित्य अमृत’ के संयुक्त संपादक भी हैं।’’

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