Rakesh Shukla

Rakesh Shukla

राकेश शुक्ल

जन्म : 22 अप्रैल 1967 ई., उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के भेवली गाँव में।

मूल निवास : सिकन्दरपुर कर्ण, जनपद उन्‍नाव (उ.प्र.)

शिक्षा : एम.ए, (हिन्दी) , पी-एच.डी.

प्रकाशित पुस्तकें : जलता रहे दिया (कविता संग्रह, सन्‌ 2002 ई.) , नई कविता में उदात्त तत्व (शोध-समीक्षा, 2008 ई.)

सम्पादित पुस्तकें : छायावादोत्तर काव्य संचयन (2005 ई.), हमारा समय और साहित्य (2014 ई.), प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य (2016 ई.), अद्यतन काव्य (2016 ई.)

अन्य प्रकाशित कार्य : 45 शोध पत्र राष्ट्रीय शोध पत्रों में प्रकाशित, 24 शोध पत्र पुस्तकों में प्रकाशित, 12 शोध पत्र राष्ट्रीय संगोष्ठियों की पत्रिकाओं में प्रकाशित, 28 आलेख, दो कहानियाँ एवं दो दर्जन से अधिक कविता, गीत, ग़ज़ल एवं 100 से अधिक पुस्तक-समीक्षाएँ विभिन्‍न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।

राष्ट्रीय संगोष्ठियों/कार्यशालाओं में प्रतिभाग : राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विषय विशेषज्ञ/अतिथि वक्ता के रूप में 30 व्याख्यान, राष्ट्रीय संगोष्ठियों में प्रतिभागी के रूप में 50 से अधिक शोध पत्रों का वाचन।

सम्पादन : वन्दना डाइजेस्ट (साहित्य की त्रैमासिकी) कानपुर, सन्‌ 2000 ई. से 2008 तक।

प्रसारण : आकाशवाणी लखनऊ से विभिन्‍न विषयों पर 20 वार्ताएँ प्रसारित।

शोध निर्देशन : 16 विद्यार्थियों का शोध निर्देशन, 21 विद्यार्थियों के लघु शोध का निर्देशन।

सम्मान : विभिन्‍न संस्थाओं द्वारा दो दर्जन सम्मान प्राप्त; जिनमें कतिपय महत्वपूर्ण – कृति ‘जलता रहे दिया’ के लिए उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल श्री विष्णुकान्त शास्त्री द्वारा राजभवन में सम्मान, श्री महावीर प्रसाद दीक्षित अलंकरण (औरैया हिन्दी प्रोत्साहन निधि, 2003) , हिन्दी साहित्य सेवा सम्मान, कर्नाटक के राज्यपाल श्री टी.एन. चतुर्वेदी द्वारा (श्री महेश चन्द्र द्विवेदी ज्ञान प्रसार संस्थान, लखनऊ, 2006) , डॉ. रामविलास शर्मा समीक्षा सम्मान (अखिल भारतीय मंचीय कवि पीठ लखनऊ, 2012), ‘साहित्य श्री’ सम्मान गुजरात के राज्यपाल श्री ओ.पी. कोहली द्वारा (जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय युवा केन्द्र, कानपुर, 2016), भाषेन्दु भारती सारस्वत सम्मान (हिन्दी प्रचारिणी समिति कानपुर, 2016), सारस्वत सम्मान, (प्रेस्टिज संस्था देवरिया, 2016), साहित्य सेवा सम्मान, बिहार के राज्यपाल श्री रामनाथ कोविंद द्वारा (भारतीय विचारक समिति, 2017), साहित्य भूषण सम्मान, (अखिल भारतीय साहित्य परिषद, 2017), शिक्षक-साहित्यकार अलंकरण (शिवोऽहम संस्था, कानपुर, 2018), समीक्षा के लिए ‘इनोवेशन लीडरशिप एवार्ड’, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरीनाथ त्रिपाठी द्वारा (पं. विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक स्मारक समिति, कानपुर, 2018)।

सम्प्रति : एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, विक्रमाजीत सिंह सनातन धर्म कॉलेज, कानपुर।

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