Ramniranjan Parimalendu

Ramniranjan Parimalendu

रामनिरंजन परिमलेंद (जन्म : 24 अगस्त 1935) : हिंदी के लब्धप्रतिष्ठ लेखक तथा विद्वान। विभिन्‍न विधाओं में लेखन। भारतेंदु काल पर शोध पूर्ण कार्य के लिए आपकी विशेष पहचान है। भारतेंदु काल के भूले-बिसरे कवि और उनका काव्य , भारतेंदु काल का अल्पज्ञात हिंदी गद्य साहित्य, खड़ी बोली का पद्य, हिंदी का प्रथम मौलिक नाटक आनंद रघुनंदन, देवनागरी लिए आंदोलन का इतिहास आदि आपकी चर्चित पुस्तकें हैं। साहित्य अकादेमी के लिए आपने अयोध्या प्रसाद खत्री, मोहन लाल महतो “वियोगी” एवं प्रेमघन पर विनिबंध लेखन किया है। आप बी.आर.ए., बिहार विश्वविद्यालय, मृजफ्फ़रपुर, बिहार के हिंदी विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं।

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