देश-विदेश के अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों से विभूषित शमीम हनफ़ी (जन्म : १९३८) उर्दू भाषा के मूर्धन्य साहित्यालोचक, नाटककार, कवि और विचारक थे। आप जामिया मिल्लिया इस्लामिया में उर्दू के प्रोफ़ेसर रहे थे और वहाँ की समादृत पत्रिका ‘जामिया’ का भी आपने वर्षो तक सम्पादन किया था।
आपकी साहित्यिक आलोचना की बीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं और अनेक पुस्तकों के सम्पादन सहित आपने चार नाटक, अनुवाद की चार पुस्तकों के अलावा बाल-साहित्य भी लिखा है। आप की कविताओं का एक संग्रह भी प्रकाशित है। चित्रकला और रूपंकर कलाओं में आपकी गहरी रुचि थी।