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Description
आधुनिक लघु कथाएँ
इस संकलन में अधिकतर आधुनिक समाज की चलती फिरती लघुकथाएँ हैं। समाज का हर तबका आज पहले से अधिक चुस्त-दुरस्त, समझदार, स्वार्थी व बेबाक हो गया है इसमें न आदमी पीछे है न औरत जहां जिसका दाव बैठता है वहीं वह पासे फैंक बैठता है।
लेखक ने विशेषतया परिवेश से ही सब कुछ चुना है। इन साठ लघुकथाओं में करारा व तीखा व्यंग्य भी है, हास्य भी है प्रेरणा भी है और शिक्षा भी है – ‘गागर में सागर’ है। लेखक ने सामाजिक राजनैतिक परम्परागत विसंगतियों को बड़ी मनोरम भाषा में उजागर किया है तथा किसी न किसी बोध को जाग्रत किया है। ये लघुकथाए जीवनोन्मुखी विचारधारा से ओतप्रोत है लेखक की कथन शैली आकर्षक, दृष्टिकोण सा तथा तर्क संगत है, संवेदनाएं मुखरित हैं, सहजभाव से मन के सभी भावों को कागज पर उकेरा है इसीलिए ये लघुकथाएं अत्यंत सशक्त व हृदयग्राही बन पड़ी हैं।
अनुक्रमणिका
★ सद्गति
★ पढ़ना और पढ़ाना
★ विजेता
★ यातना
★ अपने पराए
★ कानून
★ सबूत
★ पड़ोसी
★ चुनाव-चरित्रम्
★ सम्पादन
★ दिहाड़ी
★ शराफत
★ आदत
★ मजबूरी
★ मुकाबला
★ चौके-छक्के
★ सपना
★ सफलता का रहस्य
★ डबल जीत
★ जब ‘परिवार-नियोजन’ अपराध था !
★ तिरंगे ने हॉकी फाईनल जिताया !
★ शिकार
★ पसंद अपनी अपनी
★ आधुनिक प्रेमी
★ रिश्ते
★ अपना अपना फायदा
★ पत्नि-भारती संदर्भ
★ सर्विस सेन्टर
★ मेहनत और बुद्धि
★ भाषण के बाद
★ स्मरण शक्ति
★ वियोग
★ क्षति रहित
★ हिन्दी और अंग्रेजी
★ फिफ्टी-फिफ्टी
★ मकरफरेबी
★ पहलवान बड़ा या बुद्धिमान
★ कटु सत्य
★ जंगल और शहर
★ असली हज
★ पर उपदेश कुशल बहुतेरे
★ शोहरत
★ प्रतिस्पर्धा
★ जीजा-साली
★ आदत
★ फकीर
★ मंत्री जी की मुस्कराहट
★ तरक्की
★ स्त्री शक्ति
★ शराबी और शराबी
★ तोरण की चिड़िया
★ एडमिशन
★ छींटाकशी
★ शौक
★ अमीर गरीब
★ बलवा
★ सोशल वर्कर
★ मेहरबानी
★ बेबशी
★ उसका प्रेमी
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2013 |
Pulisher |
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