Akbar Allahabadi Par Ek Aur Nazar

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Akbar Allahabadi Par Ek Aur Nazar

Akbar Allahabadi Par Ek Aur Nazar

200.00 170.00

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200.00 170.00

Author: Shamsurrahman Farooqui

Availability: 5 in stock

Pages: 87

Year: 2012

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126722884

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

अकबर इलाहाबादी पर एक और नजर

उर्दू के विख्यात आलोचक, उपन्यासकार, कवि शम्सुर्रहमान फ़ारुकी के ये तीन आलेख अकबर इलाहाबादी को एक नये ढंग से देखते हैं और अकबर की कविता और उनके चिन्तन को बिलकुल नये मायने देते हैं। आमतौर पर व्यंग्य को दूसरी श्रेणी का साहित्य कहा जाता रहा है। यह इस कारण भी हुआ कि अंग्रेजी साम्राज्य शिक्षण की रोशनी में अकबर के विचार पुराने, और पुराने ही नहीं पीछे की तरफ लौट जाने का तकाज़ा करते मालूम होते थे।

शम्सुर्रहमान फारुकी ने पहली बार इस भ्रम को तोड़ा है और इन आलेखों में बताया है कि व्यंग्य को दूसरी श्रेणी का साहित्य कहना बहुत बड़ी भूल है। वे अकबर इलाहाबादी को उर्दू के छः सबसे बड़े शायरों में मानते हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि अकबर नई चीज़ों के खिलाफ नहीं थे, मगर वो यह भी जानते थे कि अंग्रेज़ों ने ये नई चीजें हिन्दुस्तानियों के उद्धार के लिये नहीं बल्कि अपनी उपनिवेशीय शक्तियों को फैलाने और बढ़ाने के लिये स्थापित की थी। फ़ारुकी इन आलेखों में बताते हैं कि कल्चर भी उपनिवेशीय आक्रमण का प्रतीक और माध्यम बन जाता है।

अकबर कहते हैं कि अंग्रेज़ पहले तो तोप लगाकर साम्राज्य को क़ायम करते हैं फिर गुलामों की ज़हनियत को अपने अनुकूल बनाने के लिये उन्हें अपने ढंग की तालीम देते हैं। फ़ारुकी कहते हैं कि इन बातों से साफ ज़ाहिर होता है कि तथाकथित उन्नति लाने वाली चीजों के पीछे दरअसल उपनिवेश और साम्राज्य को फैलाने की पॉलिसी थी। उनका कहना है कि अकबर इलाहाबादी पहले हिन्दुस्तानी हैं जिन्होंने इस बात को पूरी तरह महसूस किया और साफ-साफ बयान किया। फ़ारुकी पहले आलोचक हैं जिन्होंने इन आलेखों में अकबर इलाहाबादी और उनके व्यंग्य को, पोस्ट कोलोनियल दृष्टिकोण से देखने की भरपूर कोशिश की है। फ़ज्ले हसनैन और ताहिरा परवीन ने उर्दू से हिन्दी में अनुवाद करते समय ग्राह्यता व भाषिक प्रवाह का विशेष ध्यान रखा है।

Additional information

Weight 0.5 kg
Dimensions 21 × 14 × 4 cm
Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Pages

Publishing Year

2012

Pulisher

Language

Hindi

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