Akhir Jeet Hamari

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Akhir Jeet Hamari

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Author: Sayiya Sunami

Availability: 5 in stock

Pages: 208

Year: 2015

Binding: Paperback

ISBN: 8186786719369

Language: Hindi

Publisher: Hindi Sahitya Sadan

Description

आखिर जीत हमारी

अद्भुत यात्री

पुजारी चौंक कर उठ बैठा। उसका हृदय जोर-जोर से धड़क रहा था। किसी अज्ञात भय की आशंका से वह काँप उठा।

“हे ईश्वर !”

संयम रखते हुए भी भय से एक चीख उसके मुँह से निकल ही गई, जिसे सुन कर पास की चारपाइयों पर पड़े तीनों यात्री भी चौंक कर उठ बैठे।

‘‘क्यों क्या हुआ ?’’

“क्या बात है पुजारी महाराज ?”

पुजारी बोला, “सम्भवतः मैं कोई भयानक स्वप्न देख कर उठ बैठा हूँ। क्या आप लोगों को कोई कोलाहल सुनाई देता है ?’’

“कोलाहल ? कैसा ?”

“जैसे कहीं बहुत दूर से लोग आर्तनाद कर रहे हों।”

उस अन्धेरी कोठरी में एकदम सन्‍नाटा छा गया और सब लोग कहीं दूर से आने वाले शब्द को सुनने का प्रयत्न करने लगे; जो न जाने बाहर आँगन में, मैदान में, अथवा वन में कहाँ था।

“मुझे तो किसी प्रकार का शब्द सुनाई नहीं देता,” उनमें से एक ने कहा, “सिवाय आँगन में खड़े पीपल के वृक्ष की पत्तियों की सनसनाहट के।”

ओह ! यह कोलाहल, तुम्हें क्या सुनाई नहीं दे रहा?”

“हाँ ! हाँ !! अब तो कुछ सुनाई पड़ रहा है।”

“ओह मेरे राम ! इस आर्तनाद का क्या अर्थ ?”

पुजारी उठकर अग्नि कुण्ड में दबी आग को प्रज्वलित करने के लिए सूखे हुए फूँस की मुट्ठी डाली और कोठरी में पड़े दीपक को जलाया। इतने में तीनों यात्रियों ने खूँटियों पर लटकाए अपने शस्त्र उठा लिये। पुजारी ने एक को कोठरी का द्वार खोलते देख कर पूछा- “कहाँ जा रहे हो ?

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2015

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