Albert Einstein
Albert Einstein
₹700.00 ₹530.00
₹700.00 ₹530.00
Author: Gunakar Muley
Pages: 534
Year: 2014
Binding: Hardbound
ISBN: 9788126725366
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Description
अल्बर्ट आइंस्टाइन
विख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टाइन (1879-1955 ई.) द्वारा प्रतिपादित आपेक्षिता-सिद्धांत को वैज्ञानिक चिंतन की दुनिया में एक क्रन्तिकारी खोज की तरह देखा जाता है। क्वांटम सिद्धांत के आरंभिक विकास में भी उनका बुनियादी योगदान रहा है। इन डॉ सिद्धांतों ने भोतिक विश्व की वास्तविकता को समझने के लिए नये साधन तो प्रस्तुत किए ही हैं, मानव-चिंतन को भी बहुत गहराई से प्रभावित किया है। इन्होने हमें एक नितांत नए अतिसूक्ष्म और अतिविशाल जगत के दर्शन कराए हैं। अब द्रव्य, उर्जा, गति, दिक् और काल के स्वरुप को नए नजरिए से देखा जाने लगा है। आपेक्षिता-सिद्धांत से, विशेषज्ञों को छोड़कर, अन्य सामान्य जन बहुत कम परिचित हैं। इसे एक ‘क्लिष्ट’ सिद्धांत माना जाता है। बात सही भी है। भौतिकी और उच्च गणित के अच्छे ज्ञान के बिना इसे पूर्णतः समझना संभव नहीं है। मगर आपेक्षिता और क्वांटम सिद्धांत की बुनियादी अवधराणाओं और मुख्या विचारों को विद्यार्थियों व् समंज्य पाठको के लिए सुलभ शैली में प्रस्तुत किया जा सकता है-इस बात को यह ग्रन्थ प्रमाणित कर देता है। न केवल हमारे साहित्यकारों, इतिहासकारों व् समाजशास्त्रियों को, बल्कि धर्माचार्यों को भी इन सिद्धांतों की मूलभूत धारणाओं और सही निष्कर्षों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए।
आइन्स्टाइन और उनके समकालीन यूरोप के अन्य अनेक वैज्ञानिकों के जीवन-संघर्ष को जाने बगेर नाजीवाद-फासीवाद की विभीषिका का सही आकलन कतई संभव नहीं है। आइन्स्टाइन की जीवन-गाथा को जानना, न सिर्फ विज्ञान के विद्यार्थियों-अध्यापकों के लिए, बल्कि जनसामान्य के लिए भी अत्यावश्यक है। आइन्स्टाइन ने डॉ विश्वयुद्धों की विपदाओं को झेला और अमरीका में उन्हें मैकथिवाद का मुकाबला करना पड़ा। वे विश्व-सरकार के समर्थक थे, वस्तुतः एक विश्व-नागरिक थे। भारत से उन्हें विशेष लगाव था। हिंदी माध्यम से आपेक्षिता, क्वांटम सिद्धांत, आइन्स्टाइन की संघर्षमय व् प्रमाणिक जीवन-गाथा और उनके समाज-चिंतन का अध्ययन करने वाले पाठकों के लिए एक अत्यंत उपयोगी, संग्रहणीय ग्रन्थ-विस्तृत ‘संदर्भो व् टिप्पणियों’ तथा महत्त्वपूर्ण परिशिष्टों सहित।
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2014 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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