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Hindi Aalochana Drishti Aur Pravritiyan
₹500.00 ₹375.00
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Author: Manoj Pandey
Pages: 228
Year: 2017
Binding: Hardbound
ISBN: 9789386863324
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
हिन्दी आलोचना दृष्टि और प्रवृत्तियाँ
प्रस्तुत पुस्तक ‘‘हिंदी आलोचना : दृष्टि और प्रवृतियाँ’’ के अंतर्गत समूची हिंदी आलोचना की परख-पड़ताल आलोचकों की रचना-दृष्टि के साक्ष्य पर करने का प्रयास किया गया है। दरअसल, आलोचकों के कृतित्व को केंद्र में रखते हुए रचना-आलोचना के गतिमान तत्वों की पहचान ही लेखक का ध्येय रहा है। इसलिए आलोचना के इतिहास को रेखांकित करने के बजाय यहाँ आलोचकों की गवाही पर उसको प्रभावित करने वाले कारको को उद्घाटित करने का प्रयास हुआ है। हिंदी आलोचना के शलाका-पुरुष आचार्य शुक्ल से लेकर रचनाकार-आलोचक रमेशचंद्र शाह तक की आलोचना-दृष्टि की विवेचना करते हुए उन पक्षों को रेखांकित करने का प्रयास किया गया है, जो आलोचना के विकास को चिन्हित करते हैं। साथ ही, आलोचना की उन प्रवृतियों पर भी यहाँ विचार किया गया है, जिनका सन्दर्भ भारतीय हो या पाश्चात्य, जिन्होंने हिंदी आलोचना को गहरे तक प्रभावित किया है। शास्त्रीय परम्परावादी, तुलनात्मक, समाजशास्त्रीय पद्धति से लेकर उत्तर आधुनिक विमर्शो तक पर विचार करना पुस्तक का उद्देश्य है।
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Binding | Hardbound |
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Publishing Year | 2017 |
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Language | Hindi |
मनोज पाण्डेय
सन् 1974 में इलाहबाद में जन्मे मनोज पाण्डेय हिंदी आलोचना, प्रयोजनमूलक हिंदी और मीडिया के अध्ययन-अध्यापन में विशेष अभिरूचि रखते हैं।
साहित्य सेवा : साहित्य से जुड़े नये प्रसंगों, नये विमर्शो पर सतत चिंतन-लेखन। इन अनुशासनों पर 8 पुस्तकें तथा कई शोध लेख एवं आलेख प्रकाशित।
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