Kaal Ki Vaigyanik Avdharna

-24%

Kaal Ki Vaigyanik Avdharna

Kaal Ki Vaigyanik Avdharna

695.00 525.00

In stock

695.00 525.00

Author: Gunakar Muley

Availability: 5 in stock

Pages: 172

Year: 2024

Binding: Hardbound

ISBN: 9788196672683

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

काल की वैज्ञानिक अवधारणा

काल को किसी सरल व्याख्या में समेटना लगभग असंभव है। प्रकृति की जिन शक्तियों ने मानव-मन को सबसे ज्यादा आतंकित-विचलित किया है, काल अर्थात् समय उनमें सबसे प्रबल और रहस्यमय है। इसी काल को समझने के क्रम में कैलेंडरों, पंचांगों, तिथियों आदि का विकास हुआ। कल्पों, युगों, सदियों, वर्षों, महीनों, दिनों और घंटों की इकाइयों का आविर्भाव हुआ। लेकिन काल क्या है, इसका कोई बहुत सरल तथा अंतिम उत्तर आज भी किसी के पास नहीं होता है। हम काल में जीते हैं, उसे अनुभव करते हैं, लेकिन वह है क्या, इसको व्याख्यायित नहीं कर सकते।

लोकप्रिय विज्ञान-लेखक गुणाकर मुळे की इस पुस्तक में संगृहीत काल की वैज्ञानिक अवधारणा से संबंधित उनके निबंधों में काल को अलग-अलग आयामों से समझने का प्रयास किया गया है, साथ ही काल-संबंधी चिंतन के इतिहास तथा कैलेंडरों और पंचांगों के अस्तित्व में आने का वैज्ञानिक ब्यौरा भी दिया गया है। ‘काल क्या है ?’, ‘काल का इतिहास’, ‘कैलेंडरों की कहानी’, ‘प्राचीन काल के कैलेंडर’, ‘काल की वैज्ञानिक अवधारणा’ तथा ‘काल मापने के अंतर्राष्ट्रीय तरीके’ जैसे समय की सत्ता को अलग-अलग दिशा से जानते-समझते अठारह आलेख इस पुस्तक को हर वर्ग के पाठक के लिए पठनीय तथा संग्रहणीय बनाते हैं।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

Language

Hindi

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Kaal Ki Vaigyanik Avdharna”

You've just added this product to the cart: