Madhyakaleen Bharat : Naye Aayam

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Madhyakaleen Bharat : Naye Aayam

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200.00 170.00

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Author: Harbans Mukhia

Availability: 5 in stock

Pages: 247

Year: 2020

Binding: Paperback

ISBN: 9789389598315

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

मध्यकालीन भारत नए आयाम

क्या भारतीय इतिहास में फ्यूडलिज़्म था ? इस सवाल पर विचार करने से पहले कुछ खास शब्दों की परिभाषा तय कर लेना उचित होगा। दूसरे शब्दों में फ्यूडलिज़्म क्या है, इसे साफ कर लेना चाहिए। बदकिस्मती से इस आसान सवाल का जवाब भी इतिहासकारों ने अलग-अलग ढंग से दिया है। अगर फ्यूडलिज़्म की कोई ऐसी परिभाषा नहीं मिलती जिसे समान रूप से पूरी दुनिया पर लागू किया जा सके, तो इसका वस्तुगत कारण है जिसका हमारी बात के लिए खास महत्त्व है : फ्यूडलिज़्म कोई विश्व-व्यवस्था नहीं था, पूँजीवाद ही सबसे पहली विश्व-व्यवस्था बना।

इसका मतलब यह हुआ कि फ्यूडलिज़्म का कोई ऐसा सारतत्त्व नहीं रहा है जो पूरी दुनिया पर लागू हो सके, जैसा कि पूँजीवाद का है। जब हम पूँजीवाद की चर्चा अमूर्त रूप में, सार रूप में, माल की सामान्यीकृत उत्पादन प्रणाली के रूप में करते हैं जिसमें श्रमशक्ति खुद भी एक माल होती है, तो हमें इसका एहसास रहता है कि…पूरा मानव समाज अपने विकास के किसी न किसी स्तर पर इस उत्पादन प्रणाली की गिरफ्त में आ चुका है। दूसरी ओर, फ्यूडलिज़्म पूरे इतिहास के दौरान पूरी दुनिया पर एक साथ कभी भी काबिज़ नहीं रहा। यह किसी ख़ास काल और ख़ास इलाकों में, जहाँ उत्पादन के ख़ास तरीके और संगठन मौजूद थे, सामाजिक-आर्थिक संगठन का एक ख़ास रूप था।

– इसी पुस्तक से

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Paperback

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

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